झारखंड में 'मोदी मैजिक नहीं, मईया सम्मान योजना का चला जादू', नई सरकार से जनता ने की ये अपील

Jharkhand Election Result: 23 नवंबर को खत्म हुए चुनावी नतीजों में जहां महाराष्ट्र में BJP और सहयोगी पार्टियों को प्रचंड जीत मिली, तो वहीं झारखंड में पार्टी सरकार बनाने से चूक गई। भाजपा को 81 सीटों वाले झारखंड विधानसभा में सिर्फ 21 सीटें ही मिलीं, वहीं JMM ने सहयोगियों के साथ एक बार फिर सरकार बना ली है। पालमू की जनता ने बताया कि यहां मोदी का मैजिक नहीं बल्कि 'मईया सम्मान' का जादू चला

अपडेटेड Nov 24, 2024 पर 7:45 PM
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झारखंड में 'मोदी मैजिक नहीं, मईया सम्मान योजना का चला जादू'

23 नवंबर को आए झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों को लेकर जहां हर किसी को लग रहा था कि हेमंत सोरेन की सरकार गिर जाएगी और बीजेपी की सरकार बन सकती है। हालांकि, चुनावी परिणाम बिल्कुल अलग ही आए हैं। हेमंत सोरेन की JMM इंडिया गठबंधन में अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ एक बार फिर से सरकार बनाने में सफल रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 81 सीटों वाले झारखंड विधानसभा में JMM ने 34, RJD ने 4 और कांग्रेस ने 16 सीटें जीतीं। जबकि बीजेपी को यहां सिर्फ 21 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है।

हेमंत सरकार की वापसी के पीछे पलामू के लोग सरकार की मईया योजना को बड़ा फैक्टर मान रहे हैं। 2019 के मुकाबले इस बार के विधानसभा चुनाव में बहुत बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। 2019 में जहां बीजेपी ने पांच सीटों में से 4 पर अपना कब्जा किया था, वहीं इस बार पार्टी सिर्फ दो सीटों पर ही सिमट गई।

पलामू में मईया योजना का असर 


पलामू के 5 विधानसभा सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का मैजिक चला था, जिस वजह से पार्टी वहां से चार सीटें जीत गई थी। वहीं इस बार मोदी और भाजपा का मैजिक थोड़ा फीका दिखा। पार्टी को सिर्फ दो सीटों से ही से संतोष करना पड़ा। Local18 ने यहां के लोगों से इस चुनावी नतीजे के पीछे की वजह जानने की कोशिश की, तो जनता का मनाना है कि यहां हेमंत सरकार की मईया योजना का असर दिखा है। जबकि इस बार भाजपा कमल नहीं खिला पाई।

Local 18 से बात करते हुए शाहपुर के रहने वाले पप्पू पांडे बताते हैं कि झारखंड में मईया सम्मान योजना का जादू चला है। जिस कारण इंडिया गठबंधन ने यहां से तीन सीटें जीत ली। वहीं भाजपा के हिस्से में सिर्फ दो सीट ही आई हैं, लेकिन उनका मानना है कि भले बीजेपी अपनी पिछली चुनावी सफलता कायम नहीं कर पाई, लेकिन यहां सीएम योगी का मैजिक चला है। यही कारण है कि यहां से BJP ने दो सीटें जीत ली हैं। वहीं जीत के अंतर की बात करें, तो यहां ज्यादा फासला देखने को नहीं मिला है।

हेमंत सरकार से पलामू की महिलाएं है बेहद खुश

जब Local 18 ने यहां की महिलाओं से बात की तो वह हेमंत सरकार से काफी खुश नजर आईं। उनका मानना था कि सरकार ने मईया योजना चला कर हमारी बहुत मदद की है। डाल्टनगंज की अनामिका शर्मा कहती हैं कि मैं बहुत खुश हूं कि झारखंड में एक बार फिर हेमंत सोरेन की सरकार बन रही है। पिछले चार महीनों से सरकार लगातार हमारे खातों में मईया योजना का पैसा समय पर भेज रही है।

उनका कहना है कि इसी योजना की वजह से प्रदेश के साथ ही पलामू में भी हेमंत सरकार का असर दिखा है। उन्होंने आगे कहा कि दिसंबर से योजना में दिए जाने वाले पैसे भी बढ़ने वाले हैं, लेकिन उनका सरकार से ये भी कहना है कि अगर सरकार को जनता का समर्थन चाहिए, तो इस योजना को बनाए रखना होगा।

मोदी फैक्टर की वजह से ही जीत पाए दो सीट

जहां पलामू की 5 विधानसभा सीटों पर बीजेपी अपनी पुरानी जीत भी बरकरार नहीं रख पाई, तो वहीं डाल्टनगंज सीट से भाजपा के विधायक आलोक चौरसिया ने तीसरी बार जीत दर्ज की है। बीजेपी उम्मीदवार आलोक चौरसिया का कहना है कि मोदी फैक्टर का असर था। इसलिए पलामू से बीजेपी को दो सीट मिली हैं। उनका कहना है कि अब देखना होगी कि हेमंत सरकार अगले पांच साल तक क्या काम करती है। लोकतंत्र का फैसला हमें मंजूर है। लोकतंत्र में जो जीतता है, वही सिकंदर होता है।

राजीव रंजन उपाध्याय और प्रभु दयाल गुप्ता का कहना है की पलामू जिले में मईया सम्मान योजना का जादू देखने को मिला है और पूरे प्रदेश में भी इसी योजना ने हेमंत सरकार की वापसी करवाई है। डाल्टनगंज विधानसभा सीट से भाजपा के आलोक चौरसिया जीत गए हैं, लेकिन उन्होंने इलाके में कोई काम नहीं किया है। मोदी और योगी के साथ ही हिंदुत्व के फैक्टर की वजह से उन्हें जीत मिल गई है।आलोक चौरसिया फिर से  विधायक बन गए हैं। उम्मीद है इसबार वह कुछ काम करेंगे।

पलामू की जनता को सरकार से इन कामों की उम्मीद

शैलेश कुमार ने कहा की अब जनता का जनादेश सबके सामने है। प्रदेश में एक बार फिर हेमंत सोरेन  सरकार की वापसी हो रही है, लेकिन सरकार को सबसे पहले बेरोजगारी पर काम करना होगा। जो बेरोजगार युवक युवतियां रोजगार की आस में बैठे हैं, उनके लिए रोजगार के विकल्प निकालने होंगे। वहीं सैलेंद्र सुमन का मानना है कि मईया सम्मान की वजह से सरकार की वापसी जरूर हुई है, लेकिन झारखंड में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है। सरकार को सबसे पहले इस समस्या पर काम करना होगा।

बताते चलें कि झारखंड में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने चुनावी प्रचार के दौरान इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाने की भी कोशिश की थी। दैनिक भास्कर के मुताबिक, राज्य में बेरोजगारी दर 13.1 फीसदी है। राज्य बेरोजगारी के मामले में देश में 8वें नंबर पर है।

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First Published: Nov 24, 2024 7:44 PM

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