MP Election 2023: क्या मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को इस बार सीएम पद का दावेदार नहीं बनाया जाएगा? क्या शिवराज अब तक अपनी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं होने से नाराज हैं? मंगलवार को अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र बुधनी में चौहान ने लोगों से पूछा कि क्या उन्हें आगामी चुनाव लड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बुधनी में भीड़ से पूछा, “मैं चुनाव लड़ूं की नहीं, यहां से लड़ूं की नहीं?” भीड़ से उन्हें जवाब मिला कि ले जरूर लड़ें। इसके बाद चौहान ने भीड़ का स्वागत करते हुए हाथ जोड़े।
इस हफ्ते की शुरुआत में सीहोर में एक और रैली में मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा था कि "मेरे जैसा भैया नहीं मिलेगा...मैं चला जाऊंगा तो बहुत याद आउंगा।" उनके इस बयान के बाद मध्य प्रदेश में अटकलें और तेज हो गई हैं।
पिछले हफ्ते खरगोन में एक सार्वजनिक बैठक में चौहान ने कहा था कि वह किसी पद के भूखे नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मुझे किसी पद का कोई लालच नहीं है। मैं यह सरकार सिर्फ इसलिए चलाता हूं, ताकि मैं राज्य की महिलाओं और बच्चों के काम आऊं। मैं हर किसी की मदद करने के लिए काम कर रहा हूं।”
News18 के मुताबिक, BJP के सूत्रों का कहना है कि ये साफ तौर से नहीं कहा जा सकता है कि चौहान को चुनाव में उम्मीदवार के रूप में नहीं उतारा जाएगा।" 2006 से चौहान की सीट के बारे में कहा, “बुधनी सीट के उम्मीदवार की अभी तक घोषणा नहीं की गई है।”
सूत्रों का ये भी कहना है कि अब तक घोषित की गई पहली तीन लिस्ट में मध्य प्रदेश की 79 सीटें शामिल हैं, जिनमें ज्यादातर ऐसी सीटें हैं, जो या तो BJP पहले के चुनावों में हार चुकी है या उन्हें मुश्किल मानती है।
हालांकि, BJP स्पष्ट है कि वह मध्य प्रदेश चुनाव में बिना किसी घोषित मुख्यमंत्री चेहरे के साथ उतर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कमल के निशान के नाम पर चुनाव लड़ रही है।
इस बीच, कांग्रेस मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए पूछ रही है कि क्या ये चुनाव में उनकी पार्टी की तरफ से नजरअंदाज किए जाने के बाद उनके विदाई के शब्द हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने चौहान पर कटाक्ष करते हुए X पर पोस्ट किया, "मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की विडंबना ये है कि अब वह मंच से बाहर जाने की बातें करने लगे हैं। बीजेपी की राजनीति में यह अजीब समय है, जब वे अपना विदाई समारोह आयोजित कर रहे हैं, अपना विदाई भाषण पढ़ रहे हैं, लेकिन एक खास बात ये है कि इस विदाई के समय जनता की नहीं बल्कि बीजेपी की आंखों में आंसू हैं। कांग्रेस सरकार आने और जानने की खुशी से जनता के चेहरे पर मुस्कान है।"