MP Election 2023: ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव और मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सूबे के सीएम शिवराज सिंह चौहान को हिट विकेट प्लेयर बताया है। सुरजेवाला ने प्रदेश में BJP नेताओं के दौरों को लेकर अमित शाह और नितिन गडकरी पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और नितिन गडकरी वोटों की खेती काटने आ रहे हैं। इन्हें प्रदेश के किसानों की कोई चिंता नहीं है। सुरजेवाला ने कहा कि ये लोग महाकाल को भी नहीं छोड़ते। किसानों को बर्बाद कर अपनी सत्ता आबाद करने की भाजपाई कोशिश औंधे मुंह गिरेगी।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 'जन धोखा- धन लूट' अवसरवाद यात्रा में अमित शाह मंडला श्योपुर आ रहे हैं, नितिन गडकरी खंडवा में हैं। उन्होंने खंडवा में किसानों के सुसाइड पर कहा कि 18 साल में 25,000 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके है। खंडवा में नितिन गडकरी जश्न मनाने आ रहे है। आज किसान परेशान हैं।
सूरेजवाला ने BJP से पूछे 5 सवाल
श्योपुर में बाजरा-सोयाबीन, खंडवा-निमाड़ में सोयाबीन, कपास, मिर्च की फसल खराब हो चुकी है या हो रही है। क्या शाह और गडकरी किसान की इस व्यथा और पीड़ा को जानते-समझते हैं?
शिवराज सिंह चौहान सत्ता की भूख मिटाने के लिए यात्राओं के जश्न में डूबे हैं। खेती बूंद-बूंद पानी को तरस रही है। किसान कराह रहा है। भाजपा अवसरवाद यात्रा कर रही है। शाह और गडकरी बताएंगे कि किसान से ये धोखेबाजी क्यों?
MP में 11 से ज्यादा फसलें किसान उगाते हैं। 34 लाख हेक्टेयर से अधिक में धान, 66 लाख हेक्टेयर से अधिक में सोयाबीन, 19 लाख से अधिक हेक्टेयर में ज्वार-बाजरा-मक्का, 5 लाख हेक्टेयर से अधिक में कपास बोते हैं। न नहरों से पानी छोड़ा, न बिजली दी। शाह और गडकरी आप सिर्फ वोट की खेती काटने आए हैं? ऐसा क्यों? ये छल प्रपंच नहीं तो और क्या है?
जो महाकाल को भी छोड़ते, लूटते हैं, वही शिवराज सिंह चौहान वहां जाकर पूजा का प्रपंच कर रहे हैं। किसानों ने कर्ज लेकर खरीफ की फसल लगाई। शिवराज ने उनसे ऐसा धोखा किया, न नहर में पानी, न बिजली दी। किसानों को सरकार राहत क्यों नहीं दे रही?
MP में भी 15000 मेगावॉट बिजली की डिमांड है। सरकार भी मानती है कि 3000 से 5000 मेगावॉट की कमी है। MP में बिजली बनाने के सारे प्लांट चलें तो प्रोडक्शन कैपेसिटी 20000 मेगावॉट है। मौसम विभाग ने पूर्व चेतावनी दी। बिजली व्यवस्था क्यों नहीं की? अब 10 रु. प्रति यूनिट पर बिजली खरीदकर चांदी लूटी जा रही। फिर भी न तो किसान के लिए, न गांव और शहरों घरों के लिए बिजली है। 1800 मेगावॉट बिजली उत्पादन सीजन के बीच में क्यों बंद कर दिया गया?