महाराष्ट्र की अगली विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग क्लियर हो चुके हैं। बीजेपी की अगुवाई में महायुति प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाने जा रही है। इसके बाद निगाहें अब देश के सबसे अमीर नगरपालिका ब्रृहन्नमुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (BMC) समेत राज्य के सभी म्यूनिसिपल बॉडीज (नगर निकायों) के चुनावों पर रहेगी। अभी पिछले दो साल से बीएमसी का काम-काज राज्य सरकार ही देख रही है। महाराष्ट्र विधानसभा की बात करें तो राज्य में 288 सीट हैं और रुझानों के मुताबिक महायुति करीब तीन-चौथाई सीटें जीतकर वापसी कर रही है। करीब दो साल पहले म्यूनिसिपल बॉडीज में चुनाव होने थे। हालांकि यह मामला कोर्ट चला गया। सरकार ने नगर निगमों में ओबीसी कोटा रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेश को चुनौती दी है। सरकार इस मामले को शीघ्र सुलझाने के लिए जल्दी सुनवाई की संभावना जता रही है।
उद्धव ठाकरे के लिए होगी अस्तित्व की लड़ाई!
नगर निगम पर पर 1997 से ही ठाकरे की शिवसेना और बीजेपी का नियंत्रण रहा है, लेकिन अब माहौल काफी बदल चुका है और शिवसेना के दो-फाड़ हो चुके हैं। एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना मुंबई के नगर निगम बीएमसी को उद्धव ठाकरे गुट से लेने की कोशिश करेगी। वहीं विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद उद्धव ठाकरे के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई होगी।
देश के सबसे अमीर हैं महाराष्ट्र के नगर निगम
महाराष्ट्र के नगर निगम देश के सबसे अमीर हैं। आरबीआई की म्यूनिसिपल फाइनेंसेंज रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के म्यूनिशिपल कॉरपोरेशंस ने 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का रेवेन्यू सरप्लस पेश कर बाकी 231 कॉरपोरेशंस को पीछे छोड़ दिया है। बीाएमसी ने इस वित्त वर्ष 2025 में लगभग 60,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो पिछले वर्ष से 10.5 प्रतिशत अधिक है। महाराष्ट्र के निगम अन्य राज्यों की तुलना में अधिक आत्मनिर्भर हैं, जिनकी खुद की टैक्स रेवेन्यू का हिस्सा अधिक है और प्रति व्यक्ति खर्च भी देश में सबसे उच्चतम स्तर पर है। मनीकंट्रोल के एक एनालिसिस के मुताबिक महाराष्ट्र प्रति व्यक्ति खर्च में सबसे आगे है, जो FY24 में 32,000 रुपये से अधिक था, जबकि राष्ट्रीय औसत 11,532 रुपये से अधिक था।