मुंबई बीजेपी अध्यक्ष एडवोकेट आशीष शेलार एक बार फिर बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे हैं। ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या शेलार बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में हैट्रिक लगा पाएंगे। एक तरफ एलीट और दूसरी तरफ लोअर मिडिल क्लास के मतदाताओं वाला यह निर्वाचन क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन पिछले 10 साल से इस सीट पर BJP का दबदबा है। इसलिए इस लड़ाई में बीजेपी भले ही कड़ी मानी जा रही है, लेकिन आशीष शेलार के सामने कांग्रेस ने आसिफ जकारिया के रूप में चुनौती खड़ी कर दी है।
इस मुकाबले में बीजेपी ने प्रचार में अच्छी बढ़त बना ली है और 10 साल में बांद्रा वेस्ट इलाके में किए गए विकास कार्यों को मतदाताओं तक पहुंचाने पर जोर दिया जा रहा है। इसलिए कांग्रेस ने भी अब प्रचार अभियान तेज कर दिया है।
2009 में बनी बांद्रा पश्चिम विधानसभा सीट
2009 में विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन के बाद एक नया बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र बनाया गया था। इससे पहले यह निर्वाचन क्षेत्र बांद्रा विधानसभा क्षेत्र में ही आता था। यह विधानसभा क्षेत्र शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ माना जाता था।
यहां के मतदाताओं ने हर चुनाव में कांग्रेस को वोट दिया, चाहे वो लोकसभा हो, विधानसभा हो या नगर निगम चुनाव हो। बाबा सिद्दीकी ने इस सीट से 1999, 2004 और 2009 में जीत हासिल की थी, लेकिन फिर 2014 में आशीष शेलार ने बाबा सिद्दीकी को हरा दिया था।
कांग्रेस ने उनकी जगह आसिफ जकारिया को उम्मीदवार बनाया, लेकिन जकारिया को आशीष शेलार ने 26 हजार 507 वोटों से हरा दिया। अब इन्हीं जकारिया को कांग्रेस ने इस साल भी उम्मीदवार बनाया है। जकारिया इससे पहले तीन बार पार्षद रह चुके हैं।
बीजेपी का पलड़ा भारी दिख रहा
इसलिए उनका जनसंपर्क अच्छा है। अब जकारिया के लिए प्रचार करने के लिए प्रिया दत्त, वर्षा गायकवाड़ और कांग्रेस के दूसरे नेता भी मैदान में उतर गए हैं।
हालांकि, इस सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है, लेकिन जीत का गणित इस बात पर निर्भर करता है कि यहां मुस्लिम और ईसाई मतदाताओं का वोट किसे मिलता है।
इस संसदीय क्षेत्र में मराठी, मुस्लिम और ईसाई मतदाताओं की संख्या बड़ी है। कांग्रेस ने जकारिया के जरिए शेलार को चुनौती दी है। कांग्रेस अपने पुराने गढ़ को फिर से हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है, तो वहीं बीजेपी अपने कब्जे वाले गढ़ को बरकरार रखने के लिए संघर्ष कर रही है।
बीजेपी ने बांद्रा पश्चिम सीट पर अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है। यहां झोपड़ियों और इमारतों के पुनर्विकास के साथ-साथ ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर है। पिछले कुछ सालों से, शेलार ने सभी तीन सवालों के जवाब देने की कोशिश की।
इसके चलते यहां कई स्लीप योजनाएं शुरू हुई हैं, मेट्रो के साथ कई सड़क परियोजनाएं लागू की गई हैं। खार पश्चिम रेलवे स्टेशन का कायापलट हो गया है। बीजेपी प्रचार कर रही है कि यहां पार्क, बॉलीवुड थीम पार्क जैसे प्रोजेक्ट लागू किए जाएंगे। बीजेपी ने इसके लिए 'आशीष है ना' टैगलाइन भी बनाई है। सोशल मीडिया पर इस टैगलाइन को प्रमोट करने वाले कई विज्ञापन सामने आ रहे हैं।