Maharashtra Chunav 2024: चुनाव प्रचार करते वक्त गोविंदा की बिगड़ी तबीयत, जलगांव में रोड शो छोड़ कर मुंबई लौटे

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: रोड शो के दौरान गोविंदा ने लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े रहने और सत्तारूढ़ महायुति के पक्ष में मतदान करने की अपील की। महायुति में भारतीय जनता पार्टी (BJP), एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं

अपडेटेड Nov 16, 2024 पर 8:38 PM
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Maharashtra Chunav 2024: चुनाव प्रचार करते वक्त गोविंदा की बिगड़ी तबीयत

महाराष्ट्र में महायुति (सत्तारूढ़ गठबंधन) उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार के वास्ते शनिवार को जलगांव पहुंचे अभिनेता गोविंदा को तबीयत बिगड़ने पर अपना रोड शो बीच में ही छोड़कर मुंबई लौटना पड़ा। गोविंदा मुक्ताईनगर, बोदवाड, पाचोरा और चोपड़ा में चुनाव प्रचार के लिए जलगांव पहुंचे थे। पाचोरा में रोड शो के दौरान तबीयत बिगड़ने पर वह उसे अधूरा छोड़कर मुंबई लौट गए। रोड शो के दौरान गोविंदा ने लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े रहने और सत्तारूढ़ महायुति के पक्ष में मतदान करने की अपील की।

महायुति में भारतीय जनता पार्टी (BJP), एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं।

कांग्रेस से लोकसभा सांसद रह चुके गोविंदा इस साल की शुरुआत में शिंदे नीत शिवसेना में शामिल हो गए थे। उन्हें मुंबई स्थित आवास पर हाल ही में बंदूक से गलती से गोली चलने और पैर में लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।


गोविंदा का राजनीतिक करियर

इस बीच, गोविंदा एक महीने पहले गोली लगने के कारण अस्पताल में थे। घटना के बाद उन्होंने अपने फैंस को आश्वासन दिया कि वह ठीक हैं। एक नोट में उन्होंने कहा, ''नमस्कार, प्रणाम, मैं हूं गोविंदा, आप सब लोगों के आशीर्वाद और मां-बाप का आशीर्वाद, गुरु की कृपा के कारण गोली लगी थी पर वो निकल गई है। मैं धन्यवाद देता हूं यहां के डॉक्टर का, आदर्श डॉक्टर अग्रवाल जी का और आप सभी लोगों की प्रार्थना है, आप लोगों का धन्यवाद, प्रणाम।"

साल 2004 में, गोविंदा कांग्रेस में शामिल हो गए और मुंबई से लोकसभा चुनाव में पांच बार के मौजूदा सांसद राम नाइक को करीब 50,000 वोटों से हराया था।

गोविंदा अपने फिल्म-स्टार स्टेटस के चलते जनता की बीच बहुत काम जा पाते थे और संसद में भी उनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी। संसद सदस्य के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, जब लोकसभा सत्र चल रहा था, तो गोविंदा आमतौर पर अनुपस्थित रहते थे और निष्क्रियता के लिए उनकी कड़ी आलोचना की गई थी।

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First Published: Nov 16, 2024 8:07 PM

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