महाराष्ट्र चुनाव 2024: जालना में BJP को सीधी टक्कर नहीं, लेकिन मनोज जरांगे के मुद्दे को लेकर अब भी परेशान है पार्टी

Maharashtra Election 2024: राजनीतिक जानकारों का कहना है कि BJP ने 2019 के चुनाव में जिले के तीन प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र भोकरदन, परतूर और बदनापुर में जीत हासिल की थी और पार्टी कोशिश कर रही है कि उसकी जीत का रिकॉर्ड बरकरार रहे। हालांकि, वहां के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में बदलाव देखने को मिले हैं

अपडेटेड Nov 07, 2024 पर 9:38 PM
Story continues below Advertisement
महाराष्ट्र चुनाव 2024: जालना में BJP को सीधी टक्कर नहीं, लेकिन मनोज जरांगे के मुद्दे को लेकर अब भी परेशान है पार्टी

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने भले ही महाराष्ट्र चुनावों में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया हो, लेकिन मराठा आंदोलन के केंद्र जालना में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बेचैनी कम नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि BJP ने 2019 के चुनाव में जिले के तीन प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र भोकरदन, परतूर और बदनापुर में जीत हासिल की थी और पार्टी कोशिश कर रही है कि उसकी जीत का रिकॉर्ड बरकरार रहे। हालांकि, वहां के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में बदलाव देखने को मिले हैं।

पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के बेटे और दो बार के विधायक संतोष दानवे को भोकरदन, बबनराव लोणीकर को परतूर से और नारायण कुचे को बदनापुर से उम्मीदवार बनाया है।

हालांकि, पिछले पांच साल में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) टूट गईं, जबकि जालना में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया।


BJP के खिलाफ जरांगे ने खोला मोर्चा

जरांगे ने बार-बार BJP पर निशाना साधते हुए आगाह किया कि समुदाय 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में उसके उम्मीदवारों को जीतने नहीं देगा। हालांकि, उन्होंने हाल ही में चुनावों में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।

जिले में मराठों की आबादी लगभग 32 प्रतिशत है। जालना राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र का एक हिस्सा है, जिसमें 46 विधानसभा क्षेत्र हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने जिले की घनसावंगी और जालना सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं।

भोकरदन में जरांगे का असर

भोकरदन में 32 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां मुख्य मुकाबला संतोष दानवे और NCP (शरद चंद्र पवार) उम्मीदवार चंद्रकांत दानवे के बीच है। चंद्रकांत तीन बार के विधायक हैं।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, राजनीतिक विश्लेषक ने जरांगे मुद्दे की तरफ संकेत देते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे इस साल हुए लोकसभा चुनाव में जालना से हार गए थे।

संतोष दानवे ने पिछली बार चंद्रकांत दानवे को 32,000 वोटों के अंतर से हराया था।

कैसी है परतूर में लड़ाई

परतूर में, दो बार के विधायक और पूर्व मंत्री बबनराव लोणीकर का मुकाबला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के उम्मीदवार आसाराम बोराडे और कांग्रेस के बागी सुरेश जेथलिया से है। परतूर नगर परिषद के पूर्व प्रमुख जेथलिया को स्थानीय समर्थन प्राप्त है।

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि बोराडे और जेथलिया के बीच वोटों का बंटवारा लोणीकर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन मराठा और बंजारा समुदाय परतूर निर्वाचन क्षेत्र में विजेता का फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

मराठा समुदाय भाजपा से नाराज है

बदनापुर (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र में दो बार के विधायक नारायण कुचे का मुकाबला NCP(SP) के रूपकुमार बबलू चौधरी से है। यहां के नतीजों पर मराठा वोटों का महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि समुदाय के कई वर्गों ने कुचे के प्रति असंतोष जताया है।

वरिष्ठ पत्रकार अविनाश कव्हले ने कहा कि मराठा समुदाय भाजपा से नाराज है और आरक्षण सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए BJP को जिम्मेदार मानता है। कव्हले ने कहा कि जरांगे ने समुदाय से बार-बार जोर देकर कहा है कि मराठा आरक्षण का विरोध करने वालों को “सबक सिखाएं”।

Maharashtra Chunav 2024: वर्चस्व, विरासत और बदला... महाराष्ट्र के ये पांच पावर सेंटर और सभी का मकसद एक

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Nov 07, 2024 9:38 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।