महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आ गए हैं, लेकिन करीब दो हफ्तों बाद भी मुख्यमंत्री को लेकर महायुति के भीतर खींचतान ही नजर आ रही है। इस बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कुछ ऐसा कह दिया, जिसे महायुति गठबंधन के घटक दलों के लिए एक सीधे मैसेज की तरह देखा जा रहा है। शिंदे ने को कहा कि राज्य के लोग उन्हें उनकी "आम आदमी" की छवि के कारण पहचानते हैं और उन्हें ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
उनका ये बयान ऐसे समय आया है, जब एक दिन बाद बीजेपी विधायक दल की बैठक होने वाली है, जहां नए विधायक अपने नए नेता का चुनाव करेंगे। अब से करीब तीन दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में शिंदे की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई।
लोगों को लगता है कि मुझे मुख्यमंत्री बनना चाहिए: शिंदे
उन्होंने अंग्रेजी अखबार Indian Express से कहा, "मैं जनता का मुख्यमंत्री था...दरअसल, मैं कहता था कि मैं सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं बल्कि आम आदमी हूं। एक आम आदमी के तौर पर मैंने लोगों की समस्याओं और दर्द को समझा और उन्हें दूर करने की कोशिश की। क्योंकि मैं एक आम आदमी के रूप में काम किया, जाहिर तौर पर लोगों को लगता है कि मुझे मुख्यमंत्री बनना चाहिए।''
पिछले हफ्ते, शिंदे ने साफ किया था कि वह महायुति सरकार के गठन में बाधा नहीं बनेंगे और NDA नेताओं - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह - का कोई भी निर्णय उनकी पार्टी को मंजूर होगा।
हालांकि, उनके इस बयान से ये संकेत साफ दिख रहा है कि उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री का रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन कुर्सी को लेकर गतिरोध अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
विधानसभा चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़े गए: एकनाथ शिंदे
हालांकि, शिंदे ने अपना रुख दोहराया और कहा कि कोई भी फैसला NDA के शीर्ष नेतृत्व का होगा, लेकिन उन्होंने लोगों को यह याद दिलाते हुए पद के लिए मजबूत दावा भी किया कि चुनाव उनके नेतृत्व में लड़े और जीते गए।
उन्होंने कहा, "महायुति सरकार को जिस तरह की सफलता मिली है, वह पहले कभी किसी को नहीं मिली...विधानसभा चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़े गए। दोनों उपमुख्यमंत्री और दूसरे सहयोगी मेरे साथ थे। हमने बड़ी जीत हासिल की।"
उन्होंने कहा कि मोदी-शाह की तरफ से लिए गए किसी भी फैसले पर शिवसेना और उनके समर्थन के बारे में "कोई किंतु-परंतु" नहीं होना चाहिए।
शिंदे रविवार देर रात सतारा जिले के अपने पैतृक गांव दारे से ठाणे के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने गुरुवार को शाह से मुलाकात के बाद आखिरी दो दिन बिताए। सतारा पहुंचने के बाद, उन्होंने बुखार और गले में दर्द की शिकायत की थी और शनिवार को उन्हें सलाइन लगाई गई थी।