Maharashtra Election 2024: अहेरी में कांग्रेस ही बिगाड़ रही MVA का खेल! बागी नेता को गुपचुप समर्थन, शरद पवार की बढ़ी टेंशन

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: गढ़चिरौली जिले की तीनों विधानसभाओं में सबसे ज्यादा बगावत कांग्रेस पार्टी के महत्वाकांक्षी उम्मीदवारों ने ही की है। पार्टी नेता उनमें से कुछ के विद्रोह को दबाने में सफल रहे। हालांकि, आरमोरी से पूर्व विधायक आनंदराव गेडाम और शिलु चिमूरकर, गढ़चिरौली से सोनल कोवे और अहेरी से हनुमंत मडावी, नीता तलांडी अपने विद्रोही से पीछे नहीं हटे

अपडेटेड Nov 13, 2024 पर 1:02 PM
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Maharashtra Election 2024: अहेरी में कांग्रेस ही बिगाड़ रही MVA का खेल! बागी नेता को गुपचुप समर्थन

बीजेपी ने बागियों पर कार्रवाई करते हुए अहेरी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे अंबरीशराव आत्राम को शरण दी है। उनके बाद कांग्रेस ने भी इस विधानसभा में बागियों पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे के भीतर ही विवाद खड़ा हो गया। कांग्रेस ने आरमोरी से बागी आनंदराव गेडाम और शिलु चिमूरकर को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया, लेकिन इस एक्शन में अहेरी को बाहर रखा गया, जिससे NCP शरद पवार गुट में बेचैनी बढ़ गई।

गढ़चिरौली जिले की तीनों विधानसभाओं में सबसे ज्यादा बगावत कांग्रेस पार्टी के महत्वाकांक्षी उम्मीदवारों ने ही की है। पार्टी नेता उनमें से कुछ के विद्रोह को दबाने में सफल रहे। हालांकि, आरमोरी से पूर्व विधायक आनंदराव गेडाम और शिलु चिमूरकर, गढ़चिरौली से सोनल कोवे और अहेरी से हनुमंत मडावी, नीता तलांडी अपने विद्रोही से पीछे नहीं हटे।

कांग्रेस ने सिर्फ दो बागियों पर नहीं लिया कोई एक्शन


इस सब के बाद पार्टी ने बागियों पर एक्शन लिया, लेकिन इसमें अहेरी से हनुमंत मडावी और नीता तलांडी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इनमें से नीता तलांडी बच्चू कडू की प्रहार पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं।

नीता के पिता और पूर्व विधायक पेंटारामा और मां सगुना तलांडी भी बच्चू कडू के साथ एक ही मंच पर नजर आए। फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

दूसरी ओर, कांग्रेस आदिवासी गठबंधन के जिला अध्यक्ष हनुमंत मडावी, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष अजय कंकडालवार के साथ एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।

सीट बंटवारे के दौरान अहेरी को लेकर NCP और कांग्रेस के बीच झगड़ा हो गया। इसलिए राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मडावी को कांग्रेस का गुप्त समर्थन हासिल है। इसलिए शरद पवार गुट से चुनाव लड़ रहीं महाविकास अघाड़ी की उम्मीदवार भाग्यश्री आत्राम के गुट में बेचैनी है।

वडेट्टीवार का पूरा फोकस?

बागी कांग्रेस उम्मीदवार हनुमंत मडावी और अजय कंकडालवार को विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार का करीबी माना जाता है। वडेट्टीवार ने मडावी को दिखाने दिलाने के लिए आखिरी समय तक कोशिश की, लेकिन यह सीट शरद पवार गुट के पास चले जाने से उन्हें निराशा हाथ लगी।

इसलिए इस बात की बहुत कम संभावना है कि वे गठबंधन धर्म का पालन करेंगे। सीट बंटवारे से पहले हुई बैठक में वडेट्टीवार ने शरद पवार की उम्मीदवार भाग्यश्री आत्राम और उनके पति के खिलाफ भी भाषण दिया था।

इसलिए अहेरी विधानसभा में वडेट्टीवार गुट महाविकास अघाडी उम्मीदवार की जगह हनुमंत मडावी को प्रमोट करता नजर आ रहा है।

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First Published: Nov 13, 2024 12:54 PM

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