महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले 'बटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान को लेकर महायुति के दो बड़े नेता- BJP के देवेंद्र फडणवीस और NCP के अजित पवार आमने-सामने आ गए हैं। डिप्टी CM पवार ने कहा कि ऐसे नारों की कोई जगह नहीं है। उनके साथी उप-मुख्यमंत्री फडणवीस को उनकी ये बात पसंद नहीं आई। अपने सहयोगी के इस बयान से नाराज फडणवीस ने सुझाव दिया कि अजित पवार नारों को समझ नहीं पाए और उनकी सोच पर अब भी उनके पुराना साथियों का असर है।
"बटेंगे तो कटेंगे" नारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और BJP के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में अपनी हालिया रैलियों में दिया था। विपक्ष ने नारे में सांप्रदायिकता का आरोप लगाया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में एकता के संदेश को दोहराते हुए इसे "एक हैं तो सेफ हैं" में बदल दिया।
इस नारे से महाराष्ट्र सरकार में साथ काम कर रहे, BJP नेताओं और सहयोगियों के एक वर्ग में बेचैनी फैल गई।
शरद पवार-देवेंद्र फडणवीस आमने-सामने
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, "मैं इसका समर्थन नहीं कर रहा हूं। मैंने यह कई बार कहा है। यह महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा। यह उत्तर प्रदेश, झारखंड या कुछ दूसरी जगहों पर काम कर सकता है।"
उनकी टिप्पणी राज्य BJP नेतृत्व को पसंद नहीं आई और उनके सहयोगी देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई।
फडणवीस ने कहा, "अजित पवार दशकों तक ऐसी विचारधाराओं के साथ रहे - जो धर्मनिरपेक्ष और हिंदू विरोधी हैं। उन लोगों के बीच कोई वास्तविक धर्मनिरपेक्षता नहीं है, जो खुद को धर्मनिरपेक्षतावादी कहते हैं। वह ऐसे लोगों के साथ रहे हैं, जिनके लिए हिंदुत्व का विरोध करना धर्मनिरपेक्षता है। उन्हें ऐसा करने में कुछ समय लगेगा जनता के मूड को समझें।”
उन्होंने कहा कि उनके पूर्व सहयोगियों ने नारे के अंदर के मैसेज को नहीं समझा। उन्होंने कहा, "इन लोगों ने या तो जनता की भावना को नहीं समझा या इस बयान का मतलब नहीं समझा या बोलते समय शायद कुछ और कहना चाहते थे।"
BJP के भीतर भी नारे को लेकर आपत्ति!
BJP के दो प्रमुख नेताओं - पंकजा मुंडे और अशोक चव्हाण - ने भी नारे को लेकर आपत्ति जताई थी।
दिवंगत BJP नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे ने कहा कि उनकी राजनीति अलग है और वह सिर्फ इसलिए इसका समर्थन नहीं करेंगी, क्योंकि ये नारा उनकी पार्टी का है।
उन्होंने कहा है, "एक नेता का काम इस धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अपना बनाना है। इसलिए हमें महाराष्ट्र में ऐसा कोई विषय लाने की जरूरत नहीं है।"
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद फरवरी में BJP में शामिल हुए अशोक चव्हाण ने कहा कि इस नारे की कोई प्रासंगिकता नहीं है और यह अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि लोग इसकी सराहना करेंगे। निजी तौर पर कहूं तो मैं इस तरह के नारे के पक्ष में नहीं हूं।"
बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने विपक्ष पर झूठी कहानी फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों नारों ने एक ही संदेश दिया है। उन्होंने कहा, "योगी जी ने कहा है कि अगर हम बंटते हैं, तो हम विभाजित हो जाएंगे। मोदी जी कह रहे हैं कि अगर हम एकजुट हैं, तो हम सुरक्षित हैं। हम सिर्फ लोगों को वोट जिहाद के खिलाफ चेतावनी दे रहे हैं।"