बीजेपी को महाराष्ट्र में शानदार कामयाबी मिली है। बीजेपी का प्रदर्शन 1995 के मुकाबले भी बेहतर है। बीजेपी न सिर्फ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है बल्कि उसकी सीटों की संख्या महायुति के दूसरे दलों की कुल सीटों की संख्या से ज्यादा दिख रही है। चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, बीजेपी महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटों में से 118 सीटों पर आगे चल रही है। शिवसेना शिंदे, एनसीपी-अजीत जितनी सीटों पर आगे चल रही हैं वह बीजेपी के मुकाबले काफी कम है। इससे साफ हो गया है कि राज्य की नई सरकार का नेतृत्व बीजेपी के हाथ में होगा।
BJP को उम्मीद से ज्यादा सीटें
चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, BJP महाराष्ट्र में 118 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। इसके मुकाबले शिवसेना-शिंदे 56 सोटों पर आगे चल रही है। एनसीपी-अजीत 38 सीटों पर आगे है। इस तरह अगर शिवसेना की 56 सीटों और एनसीपी-अजीत की 38 को जोड़ दिया जाए तो कुल 94 सीटों पर दोनों दल आगे यह चल रहे हैं। यह संख्या BJP की बढ़त वाली 118 सीटों के मुकाबले काफी कम है। इससे साफ हो गया है कि महाराष्ट्र की नई सरकार की कमान BJP नेता के हाथ में होगी। इसका मतलब है कि महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र में अब तक जो रुझान मिले हैं, उसने BJP की कई मुश्किलें एक साथ दूर कर दी है। पहला, राज्य में नए मुख्यमंत्री को लेकर उलझन खत्म हो गई है। चुनावों के नतीजों से पहले यह कहा जा रहा था कि अगले मुख्यमंत्री का चुनाव तीनों दल बातचीत से तय करेंगे। एकनाथ शिंदे के अलावा अजीत पवार भी खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार मान रहे थे। अगर बीजेपी को इतनी ज्यादा सीटें नहीं आई होती तो महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान दिख सकती थी। लेकिन, अब इसके आसार खत्म हो गए हैं।
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सहयोगी दलों पर निर्भरता घटी
यह भी माना जा रहा है कि अब बीजेपी महाराष्ट्र में खुलकर अपनी सरकार चलाएगी। उसे फैसले लेने में सहयोगी दलों पर ज्यादा निर्भर नहीं होना पड़ेगा। सहयोगी दलों की मजबूरी यह है कि उनके पास बीजेपी की सरकार में शामिल होने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। इंडिया ब्लॉक को इतनी सीटें नहीं मिली है कि शिवसेना-शिंदे और एनसीपी-अजीत के उसके साथ जाने से वह सरकार बना सकेगी। इससे शिवसेना-शिंदे और एनसीपी-अजीत नई महाराष्ट्र में बीजेपी पर ज्यादा दबाव नहीं बना सकेंगी।