200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा के चुनाव (Rajastha Assembly Elections) 2023 के आखिर तक होने की उम्मीद है। राज्य में कांग्रेस (Congress) पार्टी अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) को कड़ी और करीबी लड़ाई लड़ने की उम्मीद है। चुनाव आयोग की तरफ से अक्टूबर 2023 तक राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान (Voting) और मतगणना (Counting) की तारीखों की घोषणा करने का अनुमान है। राज्य में मतदान एक ही चरण में होने की संभावना है। जैसे ही ECI चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा, आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी।
2018 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में, 7 दिसंबर, 2018 को एक ही चरण में मतदान हुआ था और 11 दिसंबर, 2018 को मतगणना हुई। उस साल, भारत के चुनाव आयोग ने अक्टूबर की शुरुआत में चुनाव कार्यक्रम की घोषणी की थी।
राजस्थान की विधान सभा में 200 सीटें हैं। 2018 के चुनावों में, कांग्रेस ने 99 सीटें हासिल कीं, जो बहुमत की सीमा 101 से केवल दो सीट कम रह गईं। फिर भी, वह बहुजन समाज पार्टी (BSP) और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के समर्थन से इस आंकड़े को पार करने में सफल रही। इसके उलट, भारतीय जनता पार्टी (BJP) 73 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही।
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार
राजस्थान विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, ये फिलहाल पूरी तरह से तय नहीं हुआ है। हालांकि, कांग्रेस के लिए मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर अटकलें तेज हैं।
वहीं BJP ने अभी तक अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, हालांकि, वसुंधरा राजे को सबसे आगे माना जा रहा है। अगर आम सहमति नहीं बनी, तो पार्टी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना भी चुनाव में उतर सकती है।
राजस्थान चुनाव के लिए पार्टी-वार घोषणापत्र
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में सबसे बड़ी लड़ाई BJP और कांग्रेस के बीच ही है। चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ये पार्टियां अपना घोषणा पत्र जारी करेंगी।
2018 के BJP घोषणापत्र में, अगले पांच सालों में 50 लाख नौकरियां पैदा करने, बेरोजगारों को 5,000 रुपए का मासिक बेरोजगारी भत्ता देने, हर एक मंडल में एक लोन रिलीफ कमिशन बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए 250 करोड़ रुपए का ग्रामीण स्टार्ट-अप फंड बनाने का वादा किया गया था।
घोषणापत्र में राज्य में अवैध रूप से बसे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने का वादा किया गया है, साथ ही पाकिस्तान से विस्थापित हिंदुओं के बच्चों को भारतीय नागरिकता देने का भी वादा किया गया है, जिनकी संख्या राजस्थान में लगभग 500,000 है।
दूसरी ओर, 2018 के कांग्रेस घोषणापत्र, जिसका टाइटल 'जन घोषना पत्र' था, उसमें किसानों को लोन माफी, लड़कियों और महिलाओं के लिए मुफ्त शिक्षा, शिक्षित युवाओं के लिए 3,500 रुपए तक का बेरोजगारी लाभ और बूढ़े किसानों के लिए पेंशन देने का वादा किया गया था। इसका मकसद कृषि उपकरणों और ट्रैक्टरों को GST से छूट देना भी है।