Rajasthan Election 2023: राजस्थान में सत्ता वापसी के लिए बीजेपी नए-नए फॉर्मूले और समीकरण बना रही है। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने जयपुर में देर रात सीनियर नेताओं के साथ मंथन भी किया। बीजेपी ने चुनाव में निचले स्तर तक मैनेजमेंट के लिए स्थानीय नेताओं के अलावा दूसरे राज्यों के नेताओं की मदद लेने का भी फैसला किया है। इसके लिए पार्टी ने राज्य को 7 जोन में बांटा है। साथ ही बीजेपी ने दूसरे राज्यों के 44 नेताओं को 44 जिलों की कमान सौंपी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में इन सभी नेताओं को विधानसभा के हिसाब से उनकी जिम्मेदारियां भी कर दी गई हैं। इसके लिए दूसरे राज्यों के विधायक, सांसद, पूर्व विधायक और पूर्व मंत्रियों को राजस्थान भेजा जाएगा।
इन नेताओं की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने प्रभार के जिले में मुद्दों को तय करें, वहां के उम्मीदवारों की मदद करें, केंद्र से आने वाले नेताओं की क्रार्यक्रम का मैनेजमेंट देखें। इसके अलावा चुनाव से जुड़े दूसरे कई बड़े कामों में भी उनकी भूमिका होगी।
किस नेता को कहां की जम्मेदारी?
केंद्रीय मंत्रियों में कृष्ण पाल गुर्जर को सवाई माधोपुर और जितेन्द्र सिंह को जयपुर शहर की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं अगर सांसदों की बात की जाए, तो दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा को जोधपुर देहात, दिल्ली सांसद को रमेश बिधूड़ी को टोंक, सांसद और पूर्व मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को करौली, हरियाणा से सांसद नायाब सैनी को अलवर दक्षिण और सांसद सुनीता दुग्गल अलवर उत्तर जिले की कमान दी गई है।
दूसरे राज्यों के विधायकों में हरियाणा विधायक महिपाल ढाडा को हनुमानगढ़, गुजरात के विधायक प्रवीण माली को बांसवाड़ा, मुकेश पटेल को राजसमंद, उत्तराखंड सरकार में मंत्री धन सिंह रावत को धौलपुर भेजा जाएगा।
संगठन के स्तर पर भी दूसरे राज्यों के स्थानीय नेताओं को भी चुनाव की ड्यूटी पर लगाया है। इसमें पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को सीकर, हरियाणा प्रदेश महामंत्री संदीप जोशी को चूरू, यूपी से बीजेपी नेता जुगलकिशोर को जयपुर देहात उत्तर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह को जयपुर देहात दक्षिण, जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविन्द्र गुप्ता को दौसा, हरियाणा के बीजेपी नेता अरविंद यादव को अजमेर देहात, यूपी के बीजेपी नेता अरुण असीम को कोटा देहात, उत्तराखंड में प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार को बारां और हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ को झुंझुनू का प्रभारी बनाया गया है।
इस सब में दक्षिण दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को टोंक की चुनावी जिम्मेदार दिए जाने पर विपक्ष के नेताओं ने सवाल उठाए हैं। बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद दानिश अली ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि लोकसभा सदस्य रमेश बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिले में चुनाव की जिम्मेदारी सौंपकर 'नफरत को इनाम' दिया गया है। संसद में दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के बाद से बिधूड़ी को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
लेकिन साथ ही उन्होंने ये उम्मीद भी जताई कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बीजेपी सांसद के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे।
जिले में बड़ी संख्या में गुर्जर आबादी होने के कारण बीजेपी मानती है कि बिधूड़ी गुर्जर वोट उसके पक्ष में ला सकते हैं, क्योंकि बिधूड़ी भी गुर्जर समुदाय से आते हैं। इस जिले में विधानसभा की चार सीट हैं, जिनमें से एक सीट टोंक का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट कर रहे हैं। पायलट भी गुर्जर हैं।
PTI के अनुसार, बीजेपी के इस कदम के बारे में पूछे जाने पर दानिश अली ने कहा, "कम से कम थोड़ी मर्यादा तो रखनी चाहिए थी। खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली BJP से जनता इतनी उम्मीद करती है कि अगर उसने कारण बताओ नोटिस जारी किया था, तो ये भी सार्वजनिक कर देती कि जवाब क्या है या फिर सीधा कह दे कि हम नफरत को जायज ठहराते हैं और इसका इनाम देते हैं।"