मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने 27 अक्टूबर को मतदाताओं से पांच वादे किए। दरअसल, यह एक तरह की गारंटी है, जिन्हें कांग्रेस (Congress) के सत्ता में लौटने पर नई सरकार लागू करेगी। इनके बारे में ऐलान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया गया। इनमें सरकारी कॉलेजों में स्टूडेंट्स को पहले साल ही लैपटॉप और टैबलेट देने का वादा शामिल है। दूसरा वादा यह है कि सभी स्टूडेंट्स को इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई करने की सुविधा मिलेगी। तीसरा, सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लागू करेगी। चौथा, सरकार किसानों और पशु पालकों से प्रति किलो ग्राम 2 रुपये की कीमत से गाय का गोबर (Cow Dung) खरीदेगी। यह योजना छत्तीसगढ़ में लागू हो चुकी है। इसका नाम 'गोधन न्याय योजना' है। पांचवीं गारंटी यह है कि चिरंजीवी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के तहत 15 लाख रुपये तक की इमर्जेंसी रिलीफ दी जाएगी। माना जा रहा है कि इन वादों के जरिए गहलोत ने ब्रमास्त्र चला है। इसकी वजह यह है कि इन पर काफी पैसे खर्च होंगे। किसी भी सरकार के लिए इन वादों को पूरा करना मुश्किल साबित हो सकता है।
वादे लागू करने में कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार
गहलोत ने यह कहकर जनता का भरोसा हासिल करने की कोशिश की है कि वादे पूरे करने में उनकी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने किसानों के कर्ज माफ करने के राहुल गांधी के वादे को चरणबद्ध तरीके से पूरे करने का उदाहरण दिया। मुख्यमंत्री ने जयपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि आप जो वादे करते हैं, उन्हें आपको पूरे करने चाहिए। पिछली बार के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस के सत्ता में आने के 7 दिन के अंदर किसानों के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे। यह वादा सरकार ने पूरा किया।
केंद्र की भाजपा सरकार सरकारी एजेंसियों का कर रही दुरुपयोग
मुख्यमंत्री ने केंद्र की भाजपा सरकार पर सीबीआई और ईडी जैसी सरकारी एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया। गौरतलब है कि ED ने हाल में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा की प्रॉपर्टी पर छापे मारे हैं। गहलोत ने कहा कि सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार की तरह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाती है। मुख्यमंत्री ने 27 अक्टूबर को जो वादे किए, वे पहले किए गए दो वादों से अलग हैं। सरकार पहले ही 1.05 करोड़ परिवारों को 500 रुपये की कीमत में रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा कर चुकी है। इसके अलावा उसने कहा है कि हर परिवार की महिला मुखिया को सालाना 10,000 रुपये सरकार की तरफ से दिए जाएंगे।
राजस्थान में 25 नवंबर को होंगे चुनाव
2018 में राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा के हाथों से सत्ता छीन ली थी। इस बार कांग्रेस को सत्ता में लौटने का भरोसा है। हालांकि, राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां पिछले कई दशकों से हर पांच साल पर सत्ता बदलती रहती है। गहलोत तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में है। लेकिन, अभी यह तय नहीं है कि कांग्रेस के जीतने पर राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा। राज्य में 200 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को चुनाव होने वाले हैं। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।