भारत राष्ट्र समिति (BRS) के प्रमुख एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने गुरुवार को राज्य में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Elections 2023) के लिए सिद्दीपेट जिले में स्थित गजवेल (K. Chandrashekar Rao files nomination from Gajwel) में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। सीएम आज अपने दूसरे सीट कामारेड्डी से भी पर्चा भरेंगे। बता दें कि केसीआर दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। हेलिकॉप्टर से गजवेल पहुंचे राव ने रिटर्निंग ऑफिसर को अपना नामांकन सौंपा।
पर्चा दाखिल करने के बाद वह एक खुली छत वाले वाहन में BRS कार्यकर्ताओं और वहां एकत्र हुए लोगों को शुभकामनाएं दीं। राव इससे पहले दो बार गजवेल से जीत चुके हैं। राव ने 4 नवंबर को सिद्दीपेट जिले के कोनैपल्ली में भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का दौरा कर चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले विशेष पूजा-अर्चना की थी।
उन्होंने अपना नामांकन पत्र मंदिर के गर्भगृह में रखकर पूजा की थी। दिवाली के बाद राव 13 नवंबर से अपनी चुनावी यात्राएं फिर से शुरू करेंगे। वह चुनाव के मद्देनजर 13 से 28 नवंबर के बीच आयोजित 54 'प्रजा आशीर्वाद' बैठकों को संबोधित करेंगे। BRS प्रमुख 28 नवंबर को गजवेल में अपनी अंतिम चुनावी रैली को संबोधित करेंगे।
KCR और राजेंद्र के बीच है रोमांचक मुकाबला
तेलंगाना में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में गजवेल निर्वाचन क्षेत्र में केसीआर और उनके पूर्व सहकर्मी तथा भारतीय जनता पार्टीके विधायक इटाला राजेंद्र के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। कांग्रेस ने केसीआर के मुकाबले तुमकुंतला नरसा रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। राजेंद्र ने शीर्ष नेतृत्व से टकराव के बाद जून 2021 में BRS (तब TRS) छोड़ दी थी और BJP में शामिल हो गए थे। बाद में उन्होंने हुजूराबाद सीट से उपचुनाव लड़ा था और जीत गए थे।
BJP विधायक ने पहले कहा था कि वह गजवेल में राव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे और उन्हें हराएंगे। हैदराबाद से करीब 60 किलोमीटर दूर गजवेल में बुनियादी ढांचे में खासा विकास देखा गया है। गजवेल को BRS सरकार द्वारा लागू कल्याणकारी उपायों से काफी फायदा मिला है। गजवेल 2012 तक एक पंचायत थी। उसके बाद उसे तीन ग्राम पंचायतों और पांच अन्य कस्बों का विलय कर नगर पंचायत में बदल दिया गया।
मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने 2018 और 2014 में भी गजवेल से जीत हासिल की थी। उन्होंने 2018 में 50,000 से अधिक मतों के अंतर से कांग्रेस के वी प्रताप रेड्डी को हराया था। 2014 में भी प्रताप रेड्डी ने केसीआर के खिलाफ चुनाव लड़ा था। करीब 20,000 मतों के अंतर से उन्हें शिकस्त मिली थी। प्रताप रेड्डी 2018 के बाद BRS में शामिल हो गए और अब वह राज्य सरकार द्वारा संचालित तेलंगाना राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष हैं।