हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व के बाद कार्तिक माह की शुरुआत होती है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके अलावा कई जगहों पर इस दिन रात के समय चंद्रमा की रोशनी में खीर रखकर छोड़ दी जाती है। मान्यता है कि इस खीर का सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इस पूर्णिमा को 'शरद पूनम', 'रास पूर्णिमा' और ‘कोजागर पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता है। यह शरद ऋतु के आने का संकेत होता है।