Trump Tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह टैरिफ उम्मीद से भी ज्यादा बुरा साबित हो सकता है और भारत की इकोनॉमी के लिए झटका साबित हो सकता है। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के मुताबिक, 26% के अमेरिकी टैरिफ से भारत की GDP (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट) पर 30 अरब डॉलर का असर पड़ने का अनुमान है। यह साल 2025 के अंत तक भारत के संभावित 4.3 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी का लगभग 0.7 प्रतिशत होगा।
ब्रोकरेज फर्म ने मैक्वेरी (Macquarie) ने भी कहा है कि 20% से अधिक के टैरिफ से भारत की GDP में 0.50 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। फिलहाल भारत और अमेरिका के बीच इस मामले पर द्विपक्षीय वार्ता जारी है।
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, अमेरिका के टैरिफ ऐलानों के बाद भारत पर टैक्स का टोटल इफेक्टिव दर 19.5% तक बढ़ जाएगी। इससे भारतीय रुपया कमजोर हो सकता है। हालांकि ब्रोकरेज का मानना है कि RBI इसे रोकने के लिए आक्रामक हस्तक्षेप नहीं करेगा।
मार्सेलस इनवेस्टमेंट मैनेजर्स के ग्लोबल इक्विटी हेड अरिंदम मंडल का कहना है, "यह टैरिफ हमारी उम्मीदों से कहीं अधिक है। बाजार को 15-18% की दर की उम्मीद थी, लेकिन यह 25% से भी ऊपर पहुंच गया है, जो लगभग एक सदी में सबसे ज्यादा है!"
हालांकि, एक अच्छी बात यह है कि मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि भारत पर सीधे टैरिफ का प्रभाव तो पड़ेगा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष सीमित है। ब्रोकरेज ने कहा कि टैरिफ से असली चोट अप्रत्यक्ष तरीके से ही होती है। लेकिन भारत के पास घरेलू स्तर पर मांग बढ़ाने की क्षमता है। साथ ही इसके पास प्रतिद्वंदी देशों के मुकाबले ट्रेड आधारित गुड्स तुलनात्मक रुप से कम है। इसके चलते यह एशिया के उन देशों में से एक हो सकता है, जिस पर टैरिफ का सबसे कम अप्रत्यक्ष असर पड़ेगा।
इस बीच ब्रोकरेज फार्मा सेक्टर पर बुलिश दिख रहे हैं क्योंकि ट्रंप ने फिलहाल के लिए फार्मा सेक्टर को टैरिफ के दायरे से बाहर रखा है। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, 'भारतीय फार्मा उत्पादों को अमेरिका के "रेसिप्रोकल टैरिफ" से बाहर रखा गया है।'बयान में आगे कहा गया, "कुछ चीजों को टैरिफ से बाहर रखा गया है। इसमें कॉपर, फार्मा, सेमीकंडक्टर और लंबर आर्टिकल्स शामिल हैं।" इस खबर से निफ्टी फार्मा इंडेक्स में गुरुवार 3 अप्रैल को शानदार तेजी देखने को मिली।
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ का ऐलान करते हुए कहा, "भारत टैरिफ किंग है और हमें सही तरीके से ट्रीट नहीं कर रहा। वे हमसे 52% तक शुल्क वसूलते हैं, जबकि हम उनसे कुछ नहीं लेते। अब ऐसा नहीं चलेगा!"
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