वैश्विक स्तर पर ऑडिट, कंसल्टिंग, एडयवायजरी और टैक्स सर्विसेज मुहैया कराने वाली डेलॉयट (Deloitte) की भारतीय इकाई में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सीएनबीसी-टीवी18 को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक डेलॉयट इंडिया के 35 सीनियर पार्टनर्स कंपनी के ढांचे में बदलाव के तहत जल्द ही इस्तीफा देने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक यह बदलाव 'गोल्डन हैंडशेक' (Golden Handshake) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी को युवा करना चाहती है। रेवेन्यू के हिसाब से डेलॉयट दुनिया की चार सबसे बड़ी प्रोफेशनल सर्विसेज फर्मों में शुमार है। इसका मुख्यालय यूके (यूनाइटेड किंगडम) में स्थित है।
किसके लिए है Golden Handshake प्रोग्राम
डेलॉयट इंडिया 55 साल से अधिक उम्र के एंप्लॉयीज को गोल्डेन हैंडशेक प्रोग्राम ऑफर कर रही है। हालांकि अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि 55 साल से अधिक उम्र के कितने पार्टनर्स हैं। कंपनी में रिटायरमेंट की स्टैंडर्ड उम्र 62 वर्ष है। डेलॉयट इंडिया के प्रवक्ता ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि पहले भी कुछ पार्टनर्स ने 62 वर्ष से पहले रिटायरमेंट की इच्छा जताई थी ताकि वे अपने पैशन और हॉबी को पूरा कर सकें। सूत्र के मुताबिक कंपनी इनके बदले में युवा चेहरे लेकर आएगी। अंदरुनी तौर पर बात करें तो कंपनी का मानना है कि बदलते कारोबारी माहौल में कंपनी को युवा चेहरों की जरूरत है।
अर्ली रिटायरमेंट के बदले में सेवरेंस पे के तौर पर कंपनी करीब दो साल का सालाना मुआवजा दे रही है जिसे एक अवधि में दिया जाएगा। अभी तक 35 पार्टनर्स ने यह पैकेज स्वीकार किया है। इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक कंपनी के 450 से अधिक पार्टनर्स में हर एक 3-10 करोड़ रुपये सालाना की बेस सैलरी पर काम कर रहे हैं।
Deloitte ने हाल ही में बनाया था युवा सीईओ
इस साल डेलॉयट ने साउथ एशिया के लिए रोमल शेट्टी को सीईओ बनाया। वह अपने 40s में हैं और भारत में कंपनी के सबसे युवा सीईओ में शुमार हैं। कंपनी की योजना चार साल में अपना करीब 30 फीसदी एंप्लॉयीज भारत में रखने की है। हाल ही में एक इंटरव्यू में रोमल शेट्टी ने कहा था कि कंपनी का लक्ष्य चार साल में 20 हजार रुपये के रेवेन्यू और 1 हजार से अधिक पार्टनर्स के लेवल को पार करने की है।