स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने को बताया कि SBI को यस बैंक में किए गए निवेश से सालाना करीब 14% (प्री-टैक्स) का अच्छा रिटर्न मिला है। यह निवेश SBI के लिए वित्तीय और रणनीतिक दोनों ही रूप से सफल रहा। साथ ही इसने यस बैंक (Yes Bank) के रिवाइवल में भी अहम भूमिका निभाई।
शेट्टी ने कहा कि यह नतीजा केवल कमाई के नजरिए से ही नहीं, बल्कि इसलिए भी संतोषजनक है क्योंकि इससे एक बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक की स्थिरता बनी रही। उन्होंने मनीकंट्रोल से कहा, “यह एक अच्छा रिटर्न है, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह था कि हमने एक जरूरी बैंक को मुश्किल हालात से निकालकर फिर से पटरी पर लाने में मदद की।”
शेट्टी ने बताया कि SBI का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना नहीं, बल्कि उस समय देश की वित्तीय स्थिरता को समर्थन देना था, जब Yes Bank गंभीर संकट में था। शेट्टी ने आगे कहा कि SBI का यस बैंक के रिस्ट्रक्चरिंग में शामिल होने का मुख्य उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि देश की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना था।
शेट्टी यस बैंक के रिस्ट्रक्चरिंग के दौरान उसके बोर्ड का भी हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस पूरी प्रक्रिया, बैंक के बचाव से लेकर उसके सफल रिवाइवल तक, का हिस्सा बनने पर गर्व है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह नहीं था कि तीन या पांच साल की समयसीमा में प्रक्रिया पूरी की जाए, बल्कि यह था कि बैंक को एक मजबूत रणनीतिक भागीदार मिले जो इसे आगे संभाल सके।"
SBI चेयरमैन का यह बयान यस बैंक में हाल ही में नए प्रमोटर के आने के बाद आया है, जो बैंक की रिवाइवल यात्रा का अंतिम चरण माना जा रहा है।
SBI के पास अभी भी है 10% हिस्सेदारी
एसबीआई के पास यस बैंक में अभी भी लगभग 10% रखता है। शेट्टी ने कहा कि इस हिस्सेदारी को बेचने या बनाए रखने को लेकर लेकर बैंक पर कोई तत्काल फैसला लेने का दबाव नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे पास न तो इसे तुरंत बेचने की बाध्यता है, न ही इसे अनिवार्य रूप से रखने की। हम सही समय पर उचित फैसला लेंगे।”
इस साल अगस्त में, जापान की सुमितोमो मित्सुई बैकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से यस बैंक में 24.99% तक हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी मिली थी। SMBC ने यस बैंक समेत 6 अन्य शेयरधारकों से मई में यस बैंक की 20% हिस्सेदारी को 1.6 अरब डॉलर (करीब 13,000 करोड़ रुपये) में खरीदा था।
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।