आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड (ABFRL) के बोर्ड ने मदुरा फैशन बिजनेस के ABFRL से वर्टिकल डिमर्जर को मंजूरी दे दी। अब मदुरा फैशन बिजनेस एक नई एंटिटी होगा, जिसका नाम आदित्य बिड़ला लाइफस्टाइल ब्रांड्स लिमिटेड (ABLBL) होगा। इस कंपनी को डिमर्जर पूरा होने पर अलग से लिस्ट कराया जाएगा। इससे पहले कंपनी के बोर्ड ने 1 अप्रैल की मीटिंग में मैनेजमेंट को मदुरा फैशन और लाइफस्टाइल व्यवसाय के वर्टिकल डीमर्जर का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी दी थी।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि डिमर्जर से Aditya Birla Fashion & Retail के शेयरधारकों के लिए महत्वपूर्ण वैल्यू अनलॉक होने की उम्मीद है क्योंकि हर लिस्टेड एंटिटी की अपनी अलग पूंजी संरचना, स्वतंत्र विकास पथ और वैल्यू क्रिएशन के अवसर होंगे। डिमर्जर को NCLT व्यवस्था योजना के माध्यम से लागू किया जाएगा और इसके पूरा होने पर, ABFRL के सभी शेयरधारकों के पास दोनों कंपनियों में समान शेयरहोल्डिंग होगी। शेयरधारकों को ABFRL में उनकी मौजूदा शेयरहोल्डिंग के अलावा, ABFRL में प्रत्येक शेयर के लिए ABLBL का एक शेयर मिलेगा।
नई-लिस्टेड एंटिटी आदित्य बिड़ला लाइफस्टाइल ब्रांड्स लिमिटेड इन कारोबारों का संचालन करेगी...
- लाइफस्टाइल ब्रांड- लुई फिलिप, वैन ह्यूसेन, एलन सोली और पीटर इंग्लैंड
- कैज़ुअल वियर ब्रांड- अमेरिकन ईगल एंड फॉरएवर 21
- स्पोर्ट्सवियर ब्रांड- रीबॉक
- इनरवियर बिजनेस- वैन ह्यूसेन ब्रांड के तहत
ABFRL इन शेष कारोबारों को देखेगी
- वैल्यू रिटेल- पैंटालून और स्टाइल अप के तहत वैल्यू और मासस्टिज फैशन रिटेल प्ले
बिजनेस एसेट्स और देनदारियों का होगा बंटवारा
ABFRL ने आगे कहा कि बिजनेस एसेट्स और देनदारियों को निर्धारित रेगुलेटरी प्रावधानों के अनुसार दोनों कंपनियों के बीच बांटा जाएगा। इसके अनुरूप कुल ABFRL उधार भी दोनों कंपनियों के बीच बांटा जाएगा। कुल उधार 31 मार्च 2024 तक लगभग 3,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। ABLBL को ट्रांसफर किया जाने वाला अनुमानित कर्ज 1,000 करोड़ रुपये होगा, और बाकी ABFRL के पास रहेगा।
डिमर्जर के 12 महीनों के अंदर ABFRL जुटाएगी 2500 करोड़
इसके अलावा, डिमर्जर पूरा होने के 12 महीनों के अंदर ABFRL ने लगभग 2500 करोड़ रुपये की इक्विटी कैपिटल जुटाने की योजना बनाई है ताकि बैलेंस शीट को मजबूत बनाया जा सके और शेष कारोबारों की ग्रोथ को फंड किया जा सके। प्रस्तावित डिमर्जर पर शेयरधारकों, लेनदारों, रेगुलेटर्स की मंजूरियों के साथ-साथ अन्य मंजूरियां भी ली जाएंगी।