एक अनुमान के मुताबिक भारत में करीब 17,000 पायलट हैं
भारतीय एयरलाइन इंडस्ट्री में हलचल तेज होने वाली है। एक तरफ बिग बुल राकेश झुनझुनवाला के निवेश वाली अकासा एयर (Akasa Air) आसमान में उड़ान भरने के लिए तैयार है। वहीं दूसरी तरफ जेट एयरवेज (Jet Airways 2.0) भी नए अंदाज में वापसी की तैयारी कर रही है। दोनों एयरलाइन ने अपना कामकाज शुरू करने से पहले पायलट और अन्य कर्मचारियों की हायरिंग तेज कर दी है।
इंडस्ट्री के तमाम जानकारों और एग्जिक्यूटिव्स ने बताया कि दोनों एयरलाइन अच्छे और अनुभवी टैलेंट को हायर करना चाहेंगी, ऐसे में इंडिगो और स्पाइसजेट इसका शिकार हो सकती हैं, जो इसका इंडस्ट्री में पहले से स्थापित और राइवल कंपनी हैं।
हालांकि इंडिगो और स्पाइसजेट दोनों ने फिलहाल अपने कर्मचारियों के किसी तरह के पलायन की खबर से इनकार किया है। अकासा ने कहा कि इस मामले पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। वहीं जेट एयरवेज ने मनीकंट्रोल के भेजे सवालों का जवाब नहीं दिया।
Center for Asia Pacific Aviation में भारतीय उप-महाद्वीप के चीफ एग्जिक्यूटिव, कपिल कौल का मानना है कि अकासा वित्त वर्ष 2022-23 में अपना कामकाज शुरू कर देगी। वहीं जेट एयरवेज 2.0 के अगले साल जुलाई-सितंबर तिमाही में ऑपरेशन शुरू करने की उम्मीद है।
इस बीच टाटा संस लिमिटेड भी एयर इंडिया की कमान संभालेगा और इससे अगले साल एविएशन इंडस्ट्री में कॉम्पिटीशन तेज होने की उम्मीद है। साथ ही इंडस्ट्री में हायरिंग की गतिविधियां भी तेज होंगी।
एक अनुमान के मुताबिक भारत में करीब 17,000 पायलट हैं। करीब डेढ़ दशक बाद यह पहली बार है, जब एविएशन इंडस्ट्री में बूम देखा जा रहा है और पायलटों की इतनी अधिक मांग होने की उम्मीद है।
अगर कपिल कौल का अकासा एयर और जेट एयरवेज को लॉन्च होने की समयसीमा को लेकर अनुमान सही है, तो दोनों एयरलाइन को अगले कुछ महीनों में काफी तेजी से अपने पायलट और केबिन क्रू की हायरिंग करनी होगी।
हालांकि इतनी बड़ी संख्या में हायरिंग करना चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, इंडस्ट्री के स्तर पर ऐसा मानक है कि विमान के प्रत्येक दरवाजे पर एक केबिन क्रू होना चाहिए। ऐसे में बोइंगबोइंग 737 मैक्स विमान के लिए कम से कम 4 केबिन क्रू चाहिए, क्योंकि इसमें चार दरवाजे होते हैं।
अकासा एयर ने 72 मैक्स विमानों का ऑर्डर दिया है। ऐसे में उसे कम से कम 288 केबिन क्रू सदस्यों को हायर करने की जरूरत होगी। हालांकि यह संख्या और अधिक होगी क्योंकि एयरलाइन को किसी क्रू मेंबर के बीमार होने या उसकी छुट्टी वाले दिन एक बैक-अप क्रू मेंबर की जरूरत होगी।
वैसे बता दें कि फिलहाल अकासा एयर को इतने अधिक संख्या में क्रू मेंबर की जरूरत नहीं होगी क्योंकि उसे ये 72 मैक्स विमान एक बार में नहीं, बल्कि कई चरणों में मिलेंगे। अकासा ने अभी तक यह घोषणा नहीं की है कि वह कितने विमानों के साथ कामकाज शुरू करने की योजना बना रही है और कितने विमानों को सालाना अपने बेड़े में शामिल करने की योजना है।
हायरिंग का राइवल एयरलाइन पर पड़ेगा असर?
इंडस्ट्री के जानकारों ने बताया कि हायरिंग के लिए दो विकल्प हैं। पहला विकल्प यह है कि दोनों एयरलाइन बिल्कुल नए लोगों को हायर करें, जो आप भी जानते हैं कि मुमकिन नहीं है। ऐसे में दूसरा विकल्प यह होगा कि कुछ ऐसे लोगों को भी हायर किया जाए, जो इंडस्ट्री में पहले से काम कर रहे हैं। जाहिर है कि इसके लिए इंडिगो और स्पाइसजेट के पायलट और कर्मचारियों को लुभाया जाएगा क्योंकि इंडस्ट्री में यही दो स्थापित कंपनी हैं।
दोनों एयरलाइन इसे ऑन-रिकॉर्ड नहीं स्वीकार करना चाहती हैं। हालांकि इंडस्ट्री के कुछ लोगों को कहना है कि इंडिगो और स्पाइसजेट से क्रू मेंबर और पायलट का इस्तीफा देकर इन कंपनियों में जाने का सिलसिला पहले ही शुरू हो चुका है।
कहा जा रहा है कि अकासा उन पायलटों को करीब 1 करोड़ रुपये का पैकेज ऑफर कर रहा है, जो डेजिगनेटेड एग्जामनर्स (DE) या एग्जामनर्स हैं। डेजिगनेटेड एग्जामनर्स (DE), एक सीनियर पायलट होता है, जो दूसरे पायलटों की कई तरह जांच करने में सक्षम होता है, जिससे उनके फ्लाइंग लाइसेंस को वैध रखा जा सके।
कितनी होती है पायलट की सैलरी?
औसतन, एक पायलट की ज्वाइनिंग सैलरी 80,000 रुपये से लेकर 1.2 लाख रुपये प्रति माह तक होती है और यह 6 लाख रुपये तक जा सकती है। उड़ान के दौरान एक पायलट जो भी अतिरिक्त योग्यता हासिल करता है, वह उसकी कमाई को और बढ़ा देती है।