आईफोन (iPhone) बनाने वाली दिग्गज कंपनी एपल (Apple) भारतीय बाजार को लेकर बहुत उत्साहित है। एपल के सीईओ टिम कुक (Tim Cook) ने गुरुवार 2 फरवरी को कहा कि उनकी कंपनी दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल फोन मार्केट पर बहुत जोर दे रही है क्योंकि यहां ग्रोथ की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने ये बातें कंपनी के अर्निंग कांफ्रेंस कॉल के दौरान कही। टिम कुक का कहना है कि रिकॉर्ड संख्या में लोग यहां एपल के आईफोन की तरफ स्विच हो रहे हैं। पिछले साल कंपनी की ग्रोथ दोहरे अंकों में रही। एपल के मुताबिक पिछले साल इसने 60 लाख से अधिक यूनिट्स की बिक्री की जो सालाना आधार पर 16 फीसदी अधिक रही।
भारत के लिए एपल की क्या है योजना
अर्निंग कांफ्रेंस कॉल के दौरान कुक ने कहा कि भारत में आईफोन को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत विभिन्न फाइनेंसिंग विकल्पों और ट्रेड-इन्स यानी पुराने के बदले नए की खरीदारी यानी एक्सचेंज ऑफर के जरिए आईफोन को अफोर्डेबल बनाने की कोशिश की जाएगी। कुक ने कहा कि एपल ने भारत में तीन साल पहले 2020 में अपना ऑनलाइन स्टोर खोला था और अब यह अपने रिटेल स्टोर को खोलने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
एपल के आईफोन 14 मॉडल की भारत में मैन्यूफैक्चरिंग शुरू हो चुकी है। इसके अलावा कंपनी अब यहां वायरलेस हेडफोन एयरपॉड्स जैसे अन्य प्रोडक्ट्स बनाने की योजना पर विचार कर रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल अप्रैल-दिसंबर 2022 में भारत से 250 करोड़ डॉलर के आईफोन का भारत से निर्यात किया गया था जो उसके पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले दोगुने से अधिक रहा। पिछले महीने जनवरी 2023 में केंद्रीय कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में एपल का प्रोडक्शन अभी करीब 5-7 फीसदी है जिसे जल्द ही 25 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
किस बात से मिल रहा सपोर्ट
काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक 30 हजार रुपये से अधिक कीमत के स्मार्टफोन के मामले में भारत में एपल किंग है। इसके अलावा दिसंबर तिमाही में शिपमेंट वैल्यू के हिसाब से भी एपल सबसे आगे रही। भारत में महंगे फोन यानी 30 हजार रुपये से अधिक के स्मार्टफोन का चलन बढ़ रहा है और इसे लोकल रिटेल का सपोर्ट भी मिल रहा है। काउंटरपॉइंट के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक के मुताबिक लोकल रिटेल के सपोर्ट और मैन्यूफैक्चरिंग की शुरुआत से एपल को भारत में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
Apple के लिए मिली-जुली रही दिसंबर तिमाही
पिछली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2022 एपल के लिए कुछ खास नहीं रही और सालाना आधार पर बिक्री 5 फीसदी गिरकर 11.7 हजार करोड़ डॉलर रही। कुक के मुताबिक फॉरेन एक्सचेंज से जुड़ी चुनौतियों, कोरोना के चलते चीन में आईफोन 14 का प्रभावित प्रोडक्शन और चुनौतीपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक एनवॉयरमेंट के चलते कंपनी का रेवेन्यू प्रभावित हुआ। एपल को दिसंबर 2022 तिमाही में आईफोन से 6580 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू हासिल हुआ जो सालाना आधार पर 8 फीसदी कम रहा।
वहीं मैक से रेवेन्यू समान अवधि में 28.7 फीसदी गिरकर 770 करोड़ डॉलर रही। वियरेबल्स, होम और एक्सेसरीज बिजनेस से रेवेन्यू 8 फीसदी गिरकर 1350 करोड़ डॉलर रही। वहीं दूसरी तरफ आईपैड से 30 फीसदी अधिक यानी 940 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू मिला। वहीं सर्विसेज से 6 फीसदी अधिक यानी 2080 करोड़ डॉलर रेवेन्यू मिला। एपल के सर्विसेज कारोबार में ऐप स्टोर, क्लाउड सर्विसेज, म्यूजिक, वीडियो, एडवरटाइजिंग और पेमेंट सर्विसेज से रेवेन्यू शामिल है।