BharatPe के बोर्ड और कंपनी के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच चल रही तनातनी में एक नाटकीय मोड़ आ गया है। अशनीर ग्रोवर ने BharatPe बोर्ड के चेयरमैन रजनीश कुमार और कंपनी के को-फाउंडर भाविक कोलाडिया (Bhavik Koladiya) पर नए आरोप लगाए हैं। अशनीर ग्रोवर ने रजनीश कुमार पर पक्षपात करने और पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं ग्रोवर ने यह भी आरोप लगाया कि कोलाडिया का बर्ताव ठीक नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखना चाहते हैं।
रजनीश कुमार बैंकिंग इंडस्ट्री का दिग्गज नाम हैं। कुमार SBI के पूर्व चेयरमैन रहे हैं। रजनीश कुमार ने अशनीर ग्रोवर के सभी आरोप को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि अगर बोर्ड उनपर पक्षपात करने का शक कर रहा है तो वह बोर्ड में बने रहना नहीं चाहते हैं।
अशनीर ग्रोवर ने 22 फरवरी को BharatPe की पेरेंट कंपनी Resilient Innovations के बोर्ड को लंबे-चौड़े लेटर में आरोप लगाया है कि भाविक कोलाडिया ने उन्हे कॉल करके मिलने बुलाया और मीटिंग का एजेंडा नहीं बताया। ग्रोवर ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्हें कोलाडिया का कॉल आया था तो उस वक्त रजनीश कुमार भी उनके साथ थे।
अशनीर ग्रोवर ने लेटर में लिखा है, "यह फोन गुरुग्राम के एम्बिएंस आइलैंड में रजनीश कुमार के घर से आया था। मुझे फोन पर बताया गया कि वो दोनों मुझसे मिलना चाहते थे और किसी मुद्दे पर बातचीत करना चाहते थे। और इसके लिए मुझे गुरुग्राम बुलाया गया था।"
इस लेटर में ग्रोवर ने यह भी दावा किया था कि कोलाडिया और रजनीश कुमार उन्हें किसी जगह बुलाकर बात करना चाहते थे। लेकिन उन्होंने बातचीत की वजह नहीं बताई थी। ग्रोवर ने लिखा है कि वजह पूछने पर कोलाडिया ने उनके साथ बुरा बर्ताव किया और अपशब्दों का इस्तेमाल करने लगे।
अशनीर ग्रोवर ने अपने लेटर में लिखा है, "मैंने कोलाडिया से कहा कि अगर वो इस तरह किसी मुद्दे पर डिस्कशन करना चाहते हैं तो मैं ऐसा नहीं करूंगा।"
दिलचस्प है कि इस लेटर में ग्रोवर ने कोलाडिया को कंपनी की IT टीम के साथ काम करने वाला इंडिपेंडेंट कॉन्ट्रैक्टर कहा है। जबकि BharatPe के असली फाउंडर भाविक कोलाडिया ही हैं।
अशनीर ग्रोवर ने अपने लेटर में लिखा है, "मैं बोर्ड को यह भी बताना चाहता हूं कि हम पहले ही सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में आर्बिट्रेशन का केस चल रहा है। इस मामले में कोई भी जानकारी मिलती है तो मैं कंपनी को बताऊंगा। कंपनी का बोर्ड जिस तरह मुझसे बात कर रहा है वो मुझे पसंद नहीं आ रहा है।"
इस लेटर के जवाब में रजनीश कुमार ने कहा है कि ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि वह कभी भी अशनीर और भाविक के बीच पार्टी नहीं हैं। हालांकि इस मामले में मनीकंट्रोल को किसी पार्टी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।