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India GDP: ADB ने बढ़ाया अनुमान, इस वित्त वर्ष 7% की दर से बढ़ेगी भारत की जीडीपी

एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) का अनुमान बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 6.7 प्रतिशत था। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने कहा कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में बढ़ते इनवेस्टमेंट और कंज्यूमर डिमांड में धीरे-धीरे सुधार से आर्थिक ग्रोथ में मजबूती आएगी

अपडेटेड Apr 11, 2024 पर 11:47 AM
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ADB ने वित्त वर्ष 2026 में देश की इकोनॉमी के 7.2% की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है

एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) का अनुमान बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 6.7 प्रतिशत था। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने कहा कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में बढ़ते इनवेस्टमेंट और कंज्यूमर डिमांड में धीरे-धीरे सुधार से आर्थिक ग्रोथ में मजबूती आएगी। हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष का ग्रोथ अनुमान, वित्त वर्ष 2022-23 के अनुमानित ग्रोथ 7.6 प्रतिशत से कम है। ADB ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में मजूबत इनवेस्टमेंट के चलते ग्रोथ को मजबूती मिली क्योंकि उस साल कंज्म्पशन सुस्त था।

ADB ने पिछले साल दिसंबर में वित्त वर्ष 2025 के दौरान देश की GDP ग्रोथ रेट के 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।

ADB ने गुरुवार 11 अप्रैल एशियन डेवलपमेंट आउटलुक का अप्रैल संस्करण लॉन्च किया। इसमें कहा गया है, "मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में अच्छी ग्रोथ के चलते वित्त वर्ष 2023 में इकोनॉमी तेजी से बढ़ी। आगे भी इसके तेजी से बढ़ने का अनुमान है। इस वित्त वर्ष में ग्रोथ का कारण, मजबूत इनवेस्टमेंट डिमांड और बेहतर कंज्मप्शन डिमांड रहेगा। महंगाई का नीचे की ओर जाना जारी रहेगा, जैसे दुनिया के बाकी बड़े देशों में भी देखने को मिल रहा है।" रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 में नरमी के बावजूद ग्रोथ मजबूत रहेगा।


ADB ने वित्त वर्ष 2026 में देश की इकोनॉमी के 7.2% की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। ADB ने कहा कि इस वित्त वर्ष में एक्सपोर्ट्स के थोड़ा सुस्त रहने की संभावना है। ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया के कई बड़े देशों में आर्थिक ग्रोथ धीमी हो गई है, इसका असर एक्सपोर्ट्स पर पड़ रहा है। हालांकि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से इसमें सुधार की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया, "महंगाई में नरमी के साथ मॉनिटरी पॉलिसी के आर्थिक ग्रोथ के सपोर्ट में रहने की उम्मीद है। वहीं फिस्कल पॉलिसी का लक्ष्य कंसॉलिडेशन पर हो सकता है, लेकिन उसके साथ ही यह कैपिटल इनवेस्टमेंट को भी बढ़ावा देना जारी रखेगा।" ADB ने कहा कि मीडियम अवधि में एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन में अधिक इंटीग्रेशन की जरूरत है।

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