चीन के जिस सबसे बड़े फिनटेक प्लेटफॉर्म Ant Group को दिग्गज अरबपति जैक मा (Jack Ma) ने खड़ा किया था, उस पर अब उनका कंट्रोल ही नहीं रहा। एंट ग्रुप ने शनिवार को वोटिंग स्ट्रक्चर में बदलाव का ऐलान किया है। इस बदलाव के तहत फाउंडर, मैनेजमेंट और एंप्लॉयी समेत दस इंडिविजुअल्स के वोटिंग राइट्स को एक-दूसरे से अलग कर दिया गया है यानी कि जैक मा के पास एंट को नियंत्रित करने की जो शक्ति थी, वह अब नहीं रही। हालांकि वोटिंग स्ट्रक्चर में इस बदलाव का किसी शेयरहोल्डर्स के इकोनॉमिक इंटेरेस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा।
कहानी की शुरुआत हुई Jack Ma के आलोचना से
जैक मा के समकक्ष अपनी औपचारिक कॉरपोरेट भूमिकाओं को छोड़ चैरिटी में डोनेशन देना शुरू कर दिया जो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंद के कॉमन प्रॉस्पैरिटी के लक्ष्य को हासिल करने के लक्ष्य के मुताबिक ही है। वहीं दूसरी तरफ करीब तीन साल पहले वर्ष 2020 में एंट के लिस्टिंग की दौड़ में जैक मा ने चीन के रेगुलेटर्स की आलोचना कर दी थी। इसके बाद जैक मा सार्वजिनक मंचो से लगभग गायब ही हो गए। इसके बाद एंट ने रेगुलेटर्स को खुश करने के लिए अपने कारोबार में बड़े स्तर पर बदलाव शुरू किया।
लेकिन अब IPO के लिए बढ़ गया इंतजार
एंट ने चीन के रेगुलेटर्स को खुश करने के लिए अहम बदलाव किया है। हालांकि आईपीओ लाने के लिए इसे और लंबे वक्त का इंतजार करना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि चीन के ए-शेयर मार्केट में लिस्ट होने के लिए नियम है कि कंपनी के कंट्रोलर में पिछले तीन साल में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। वहीं अगर शंघाई के स्टार मार्केट में लिस्ट होने के लिए यह पीरियड दो साल और हॉन्ग कॉन्ग के स्टॉक मार्केट के लिए एक साल है।