बजट में ऐसे कई ऐलान हो सकते हैं, जो अगले वित्त वर्ष से आपकी जेब पर आ सकते हैं। हालांकि इससे पहले फरवरी महीने में भी वित्तीय मोर्चे पर कई ऐसे बदलाव हो रहे हैं, जिनपर आपको ध्यान देने की जरूरत है। आपने चाहे बैंक से लोन ले लिया हो या फिर लेने की सोच रहे हों, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की इस महीने होने वाली रेपो रेट से जुड़ी घोषणा पर आपको नजर रखना चाहिए। इसके अलावा क्या आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं? कुछ बैंकों ने इसके चार्ज में कुछ बदलाव किए हैं जो आपके जेब पर असर डालने वाले हैं। आइए इन सभी बदलावों को एक-एक करके देखते हैं-
टैक्स प्लानिंग अगर अभी तक शुरू नहीं किया, तो तुरंत करें
अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में टैक्स बचाने की प्लानिंग को हमेशा शामिल करें। अक्सर लोग टैक्स प्लानिंग को वित्त वर्ष के अंत तक टाल देते हैं, जो नहीं करना चाहिए। अगर आपने अपनी टैक्स प्लानिंग शुरू नहीं की है, तो अभी कर लें क्योंकि हम वित्त वर्ष के अंत से अब बस दो महीने दूर हैं। अपने वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए सोच-समझकर निवेश करें। निवेश के लिए आप अपनी जरूरत और लक्ष्य के हिसाब से विभिन्न निवेश विकल्पों को चुन सकते हैं। इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), इक्विटी से जुड़ी सेविंग स्कीमों (ELSS) में मंथली एसआईपी, एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) या जीवन बीमा प्रीमियम शामिल है।
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80D के तहत अतिरिक्त टैक्स छूट पाने के लिए आप हेल्थ बीमा ले सकते हैं। इस पार आपको 25,000 तक की छूट मिल सकती है। आप, अपनी पत्नी, बच्चों या माता-पिता के नाम से भी हेल्थ बीमा लेकर छूट का लाभ ले सकते हैं।
रूकने से पहले रेपो रेट में एक और बढ़ोतरी होगी?
रिजर्व बैंक के मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) आगामी 8 फरवरी को बैठक है। इस बैठक में रेपो रेट सहित अहम मौद्रिक दरों पर फैसला लिया जाएगा। MPC ने साल 2022 में रेपो रेट में कुल 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद इसकी मौजूदा दर 6.25 प्रतिशत हो गई। दरों में यह बढ़ोतरी महंगाई पर काबू पाने के लिए की गई थी।
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि MPC आगामी बैठक में भी रेपो रेट में 0.25 या 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकता है। अगर रेपो रेट बढ़ता है, तो बैंक एक बार फिर होम लोन सहित रेपो रेट से जुड़े अन्य लोन पर ब्याज बढ़ा देंगे। जिन लोगों ने पहले से लोन ले रखे हैं, उनकी ईएमआई या लोन की अवधि भी बढ़ सकती है।
म्यूचुअल फंड हाउसों ने अपनाया T+2 सेटलमेंट सिस्टम
इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों से अब निवेश निकालते समय एक दिन जल्दी पैसा मिल जाएगा। सभी म्यूचुअल फंड हाउस 1 फरवरी से पैसों की निकासी के लिए T+2 साइकिल को अपनाने जा रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (AMFI) ने शुक्रवार 27 जनवरी को यह जानकारी दी। T+2 साइकिल का मतलब है, ट्रेडिंग डे और उसके बाद 2 दिन। निवेशक जिस दिन पैसे निकासी करेंगे, वह ट्रेडिंग दिन (T) होता है। यानी निवेशकों की ओर पैसों की निकासी करने के दो दिन के अंदर उनके खाते में अब पैसा आ जाएगा।
केनरा बैंक ने डेबिट कार्ड पर सेवा शुल्क बढ़ाया
13 फरवरी से केनरा बैंक (Canra Bank) ने अपने डेबिट कार्ड पर सर्विस चार्ज बढ़ा दिया है। बैंक ने क्लासिक डेबिट कार्ड के लिए सालाना फीस 125 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया है। इसी तरह इसने प्लेटिनम और बिजनेस डेबिट कार्ड के लिए सालाना फीस क्रमशः 250 रुपये और 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया है। वहीं कार्ड के कुछ चुनिंदा वेरिेंट्स के लिए सालाना फीस 1,000 रुपये बना हुआ है। बैंक ने कार्ड बदलने पर लगने वाले फीस को 50 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये कर दिया है। SMS अलर्ट के लिए बैंक अभी तक हर तिमाही 15 रुपये का फ्लैट शुल्क ले रहा था। लेकिन अब SMS चार्ज, वास्तविक शुल्क पर लगेगा।
HDFC बैंक ने मिलेनिया क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड से जुड़ी शर्तों को बदला
एचडीफएसी बैंक ने अपने मिलेनिया क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए रिवॉर्ड निकासी से जुड़ी शर्तों में कुछ बदलाव किए हैं। नई शर्तें 1 फरवरी से लागू होंगी। इसके तहत कार्ड धारक अब रिवॉर्ड प्वाइंट के लिए किसी प्रोडक्ट की कीमत का करीब 70 फीसदी तक रिडीम कर सकता है और बाकी के पैसों का वह अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर सकती है। इसके अलावा कैशबैक के लिए रिवॉर्ड प्वाइंट को भुनाने की अधिकतम सीमा तय कर दी गई है, जो हर महीने 3,000 रिवॉर्ड प्वाइंट्स है।