Union Budget 2022: Edelweiss के एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक बजट 2022-23 में वित्त मंत्री रिकवरी को सपोर्ट देने के साथ वित्तीय अनुशासन बनाए रखने का संतुलन साधती नजर आएगी। इसकी वजह यह है कि अब तक घरेलू इकोनॉमी की रिकवरी असमान रही है और इकोनॉमी में रिकवरी के लिए पॉलिसी सपोर्ट की जरुरत है। इसके अलावा भारत जल्द ही ग्लोबल बॉन्ड सूचकांक में शामिल होने की तैयारी में है जिसके लिए वित्तीय अनुशासन और नियत्रंण की जरुरत है। जिसको देखते हुए Edelweiss का अनुमान है कि हमें वित्त वर्ष 2023 में हल्का कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है।
Edelweiss Alternative Research ने अपने एनालिसिस के लिए पिछले 10 साल में बजट के दिन निफ्टी 50 , निफ्टी बैंक और निफ्टी मिडकैप 100 का प्रदर्शन कैसा रहा है इसका विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण से निकलकर आया है कि इन सूचकांकों में बजट 2021 के दिन सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली है।
2021 में निफ्टी करीब 5 फीसदी भागा था। इस दिन निवेशकों की तरफ से वित्त मंत्री के एलानों को भारी थम्सअप दिखता मिला था। हालांकि बजट 2020 के दिन उम्मीद के अनुरुप एलान ना होने के चलते निफ्टी में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी।
इसी तरह 2019 में भी बजट 2 बार पेश हुए था। 5 जुलाई 2019 को बजट के दिन निफ्टी 1.1 फीसदी टूटा था जबकि 1 फरवरी 2019 के बजट के दिन निफ्टी 0.6 फीसदी बढा था। इस तरह बैंक निफ्टी पर नजर डालें तो 1 फरवरी 2021 को बजट के दिन बैंक निफ्टी 8.3 फीसदी भागा था जबकि 1 फरवरी 2020 के बजट के दिन बैंकनिफ्टी 3.3 फीसदी टूटा था। वहीं 1 फरवरी 2018 को बजट के दिन बैंकनिफ्टी 0.6 फीसदी फिसला था।
Edelweiss ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बाजार के नजरिए से अगामी बजट बहुत प्रभावी नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि पृष्ठभूमि में तमाम चुनौतियां खड़ी हुई है। मीडियम टर्म में कंपनियां का प्रदर्शन इकोनॉमी और वित्तीय स्थिति जैसे दूसरे फैक्टर बाजार के लिए ज्यादा अहम होगे। अगर बजट में ग्रामीण क्षेंत्रों के लिए होने वाले आवंटन बढ़ाए जाते है तो फिर हमें खपत में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। जिसका फायदा हमारे पोर्टफोलियो में शामिल खपत से जुड़े शेयरों को हो सकता है।
गौरतलब है कि यूनियन बजट 1 फरवरी 2022 को सुबह 11 बजे पार्लियामेंट में पेश किया जाएगा। इसके पहले 31 जनवरी को दोपहर को आर्थिक सर्वेक्षण पेश होगा।
Edelweiss का मानना है कि आगामी बजट में वित्त मंत्री का फोकस रूलर सेक्टर पर खर्च बढ़ाने, PLI स्कीमों का दायरा बढ़ाने, 2019 की टैक्स कटौती का दायरा, नई उत्पादन ईकाईयों तक बढ़ाने पर हो सकता है। इस बजट में वित्त मंत्री किसी बड़ी टैक्स कटौती से बचती नजर आ सकती है।