बहुत कम लोग पर्सनल एक्सिडेंट इंश्योरेंस खरीदते हैं। इस बार बजट में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पर्सनल एक्सिडेंट इंश्योरेंस में लोगों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए उपायों का ऐलान कर सकती हैं। इस बीमा प्रोडक्ट पर भी टैक्स छूट देकर यह काम किया जा सकता है। अभी सिर्फ जीवन बीमा पॉलिसी और मेडीक्लेम पॉलिसी पर टैक्स छूट मिलती है। निर्मला सीतारमण 1 फरवरी (Budget Date) को बजट पेश करेंगी।
पर्सनल एक्सिडेंट इंश्योरेंस दुर्घटना में मौत, स्थायी विकलांगता, आंशिक विकलांगता की स्थिति में इनश्योर्ड पर्सन को बीमा की रकम मिलती है। इसका प्रीमियम काफी कम है। 10 लाख रुपये के सम अश्योर्ड पर करीब 1,000-1,200 रुपये का प्रीमियम आता है। हालांकि, कवर की वेरायटी के हिसाब से प्रीमियम की रकम घट-बढ़ सकती है। लेकिन, कम प्रीमियम के बावजूद लोग इसे खरीदना जरूरी नहीं समझते। जबकि हर साल एक्सिडेंट में मौत या विकलांगता की वजह से कई परिवारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
साल 2020 में दुर्घटना में करीब 3.74 लाख लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर आधारित है। कुल मौतों में 18 से 45 साल के लोगों की हिस्सेदारी 55 फीसदी से ज्यादा थी। इससे पता चलता है कि एक्सिडेंट इंश्योरेंस कवर लेना कितना जरूरी है। श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के एमडी अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि सभी गाड़ी मालिकों के लिए पर्सनल एक्सिडेंट कवर लेना कानूनी रूप से जरूरी है। यह मोटर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का हिस्सा होता है, जिसे गाड़ी खरीदते वक्त लेना जरूरी होता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में पर्सनल एक्सिडेंट पॉलिसी के लिए अलग से टैक्स छूट का ऐलान करना चाहिए। अभी हेल्थ पॉलिसी पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत अलग से टैक्स छूट मिलती है। पर्सनल एक्सिडेंट कवर पर भी टैक्स-ब्रेक मिलने से इसे खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी।
वित्त मंत्री को इस बार बजट में इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी की दर में कमी करने की जरूरत है। अभी इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है। इससे पॉलिसी का प्रीमियम बहुत बढ़ जाता है। कई लोग ज्यादा प्रीमियम होने की वजह से इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से बचते हैं। अगर इसे कम कर 5 फीसदी कर दिया जाता है तो प्रीमियम की कुल रकम घट जाएगी। इससे बीमा उत्पादों में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी।