पिछले कुछ साल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ा है। इससे बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने की आशंका जताई जा रही है। कई कंपनियों में छंटनी भी हो रही है। इसमें खासकर टेक कंपनियां शामिल हैं। OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन तो यहां तक कह चुके हैं कि AI 40% नौकरियों को रिप्लेस कर देगा। हालांकि, Google Cloud के CEO थॉमस कुरियन (Thomas Kurian) का कहना है कि AI से नौकरियां जाने का हौव्वा बेवजह है।
इंसानों की मदद के लिए है AI
थॉमस के मुताबिक, AI इंसानों की नौकरियां खत्म करने नहीं, बल्कि उन्हें और बेहतर काम करने में मदद करने के लिए बना है। उन्होंने Big Technology को दिए इंटरव्यू में कहा कि AI कर्मचारियों की जगह नहीं ले रहा, बल्कि उन्हें बढ़ते काम और उम्मीदों के साथ तालमेल बिठाने में मदद कर रहा है।
गूगल क्लाउड के सीईओ का यह बयान उस वक्त आए हैं, जब दुनिया भर में यह बहस चल रही है कि ऑटोमेशन कामकाज की दुनिया को कैसे बदल देगा।
AI इंसानों की विकल्प नहीं
थॉमस कुरियन ने कहा कि फिलहाल AI का असली रोल इंसानों की क्षमता और संभावनाओं के बीच की खाई को भरना है, न कि उन्हें पूरी तरह बदल देना। उन्होंने Google Customer Engagement Suite का उदाहरण दिया। यह एक AI-बेस्ड प्लेटफॉर्म है, जो कस्टमर सर्विस टीमों की मदद करता है।
Kurian के मुताबिक, इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले किसी भी क्लाइंट ने स्टाफ में कटौती नहीं की है। इसके बजाय, यह कस्टमर्स को तेज और सटीक जवाब पाने में मदद करता है। इससे उन्हें बार-बार कॉल करने की जरूरत नहीं पड़ती।
उन्होंने बताया, 'जब हमने इसे पहली बार लॉन्च किया था, तो लोगों ने पूछा- क्या अब एजेंट्स की जरूरत नहीं रहेगी? लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमारे लगभग किसी भी क्लाइंट ने किसी कर्मचारी को निकाला नहीं।'
AI से नहीं घट रही नौकरियां
Oracle में 20 साल से ज्यादा समय तक काम करने के बाद Kurian गूगल का हिस्सा बने हैं। वो अब उन टेक लीडर्स में हैं, जो AI को लेकर पॉजिटिव नजरिया रखते हैं। हाल ही में Google के CEO सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने भी कहा था कि AI की वजह से Google के इंजीनियर्स की प्रोडक्टिविटी लगभग 10% बढ़ी है। इससे उन्हें ज्यादा क्रिएटिव और अर्थपूर्ण काम करने का समय मिला है।
AI इंसानों का साथी है, प्रतिस्पर्धी नहीं
Kurian और Pichai दोनों का मानना है कि AI एक 'accelerator' है, न कि 'automator' यानी यह इंसानों की जगह नहीं लेता, बल्कि उनकी स्पीड और एफिशिएंसी बढ़ाता है। Kurian के शब्दों में, 'AI का असली मकसद लोगों को इस तेजी से बदलती दुनिया में ‘keep up’ करने में मदद करना है, न कि उन्हें इससे बाहर धकेल देना।'