बजट 2023 : कोरोना की महामारी की सबसे ज्यादा मार जिन सेक्टर पर पड़ी थी, उनमें एविएशन सेक्टर (Aviation Sector) शामिल था। अब यह सेक्टर पटरी पर लौट रहा है। हवाई यात्रा करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से आने वाले वाले सालों में भी इस इंडस्ट्री की ग्रोथ तेज बने रहने की उम्मीद है। अगर सरकार से इसे सपोर्ट मिल जाए तो इस सेक्टर की ग्रोथ और तेज हो सकती है। एयरलाइंस सहित एविएशन इंडस्ट्री को उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) यूनियन बजट (Union Budget 2023) में उनके लिए राहत का इंतजाम करेगी। फाइनेंस मिनिस्टर 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। यह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का अगले साल लोकसभा चुनावों से पहले आखिरी पूर्ण बजट होगा।
ग्रामीण इलाकों पर खर्च बढ़ाने से एयरलाइंस इंडस्ट्री को होगा फायदा
एक एयरलाइन कंपनी की सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा, "इस बजट में सरकार का फोकस ग्रामीण इलाकों पर खर्च बढ़ाने पर होगा। अप्रत्यक्ष रूप से इसका फायदा एविएशन इंडस्ट्री को होगा। पिछले कुछ सालों में देखा जाए तो एविएशन इंडस्ट्री के लिए शायद ही कभी सरकार ने कोई बड़े ऐलान किए हैं।" उन्होंने कहा कि सरकार ने एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की कोशिश की है। लेकिन, एयरलाइंस कंपनियों की चिंता दूर करने की कोशिश नहीं की है।
पिछले बजटों में नहीं बढ़ा है आवंटन
एक दूसरे सीनियर अफसर ने कहा, "पिछले कुछ सालों में सरकार की तरफ से एविएशन सेक्टर के लिए जो बड़े ऐलान किए गए हैं, उनमें से ज्यादातर का संबंध लोन चुकाने से जुड़ी राहत और एयर इंडिया की रिस्ट्रक्चरिंग से रहा है।" पिछले कुछ सालों में एविएशन सेक्टर के लिए आवंटन या तो घटा है या स्थिर रहा है। जबकि इस इंडस्ट्री पर कोरोना की महामारी की बहुत ज्यादा मार पड़ी है।
पिछले बजट से एयरलाइंस इंडस्ट्री को हुई थी निराशा
पिछले साल बजट पेश होने के बाद इंडिगो के सीईओ रॉनोजॉय दत्ता ने कहा था कि एयरलाइंस इंडस्ट्री को एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर एक्साइज ड्यूटी में कमी की उम्मीद थी। इंडस्ट्री ने यह भी उम्मीद की थी कि सरकार एयरलाइंस कंपनियों को सस्ते कर्ज उपलब्ध कराने के लिए पैकेज पेश करेगी। कोरोना की महामारी के बाद इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी। लेकिन, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में इस तरह का कोई ऐलान नहीं किया था।
इस बार एयरलाइंस इंडस्ट्री सहित पूरे एविएशन सेक्टर को उम्मीद है कि फाइनेंस मिनिस्टर मॉनेटरी बेनेफिट्स सहित कई तरह की रियायतों का ऐलान करेगी। सरकार कम से कम ATF पर एक्साइज ड्यूटी में जरूर कमी करेगी। एयरलाइंस कंपनियों के कुल खर्च में एटीएफ पर होने वाले खर्च की बड़ी हिस्सेदारी है।
एटीएफ पर वैट की जगह जीएसटी लगाने की जरूरत
Star Air के चीफ एग्जिक्यूटिव कैप्टन सिमरन सिंह तिवाना ने कहा, "GST काउंसिल को उस 5 फीसदी GST पर हमें इनपुट क्रेडिट का इजाजत देनी चाहिए, जिसे हम इकनॉमी क्लास के पैसेंजर्स से कलेक्ट करते हैं। अभी एटीएफ पर लगने वाले VAT की जगह GST लगना चाहिए। इस पर इनपुट क्रेडिट की इजाजत भी मिलनी चाहिए।" एयरलाइंस कंपनी के कुल खर्च में जेट फ्यूल की हिस्सेदारी करीब 40-45 फीसदी है। टैक्स घटने से कंपनियां टिकट की कीमतें कम करने की कोशिश कर सकती हैं।