Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अगले साल 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। यूनियन बजट (Union Budget) पेश होने में ज्यादा समय नहीं रह गया है। वित्त मंत्री के लिए यह बजट बहुत चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि उन पर इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ को बढ़ाने की जिम्मेदारी है। यह बजट ऐसे वक्त पेश होने जा रहा है, जब इंडियन इकोनॉमी की सेहत अमेरिकी, इंग्लैंड जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बहुत अच्छी है। दुनिया पर मंडराते मंदी के खतरे के बीच इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy) उम्मीद की एकमात्र किरण दिख रही है। इस बजट से इंडस्ट्री से लेकर आम आदमी को भी बड़ी उम्मीदें हैं। प्रमुख उद्योग चैंबर PHDCCI ने बजट को लेकर अपनी उम्मीदों के बारे में निर्मला सीतारमण को बताया है। उसने कहा है कि फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के बजट में सरकार पांच बड़े उपाय कर सकती है।
ये हैं इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने वाले 5 उपाय
उद्योग चैंबर ने कहा है कि वित्त मंत्री को प्राइवेट इनवेस्टमेंट बढ़ाने, फैक्टरीज में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन बढ़ाने, बड़ी संख्या में रोजगार के मौके बनाने, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी बढ़ाने और इकोनॉमिक ग्रोथ तेज करने के उपाय करने चाहिए। पीएचडीसीसीआई ने 21 नवंबर को प्री-बजट कंसल्टेशन में इस बारे में फाइनेंस मिनिस्ट्री को अवगत कराया।
इनकम टैक्स रिबेट बढ़ाने से आम आदमी को फायदा
उद्योग चैंबर के प्रेसिडेंट साकेत डालमिया ने कहा है, "पिछले कई सालों से खुद के इस्तेमाल के लिए घर खरीदने पर 2 लाख रुपये का टैक्स रिबेट मिलता आ रहा है। इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है। कंजम्प्शन एक्सपेंडिचर पर मिलने वाले रिबेट को बढ़ाकर कम से कम सालाना 5 लाख रुपये किया जान चाहिए।"उन्होंने कहा कि इन उपायों से न सिर्फ इकोनॉमी में डिमांड बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्कि प्राइवेट इनवेस्टमेंट भी बढ़ेगा। इससे देश में रोजगार के मौके पैदा करने में भी मदद मिलेगी।
कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट को बढ़ावा देने की जरूरत
देश के सबसे उद्योग चैंबर CCI ने भी इस बार के बजट में वित्तमंत्री को पर्सनल इनकम टैक्स रेट में कमी करने की सलाह दी है। इससे लोगों की खर्च करने योग्य आय में इजाफा होगा। इससे मांग को भी बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी के 28 फीसदी के स्लैब में भी कमी करने की जरूरत है। उद्योग चैंबर ने कहा है कि कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट को बढ़ावा देने के उपाय बजट में किए जाने चाहिए। पीएचडी ने बजट में एग्री और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को भी बढ़ावा देने वाले उपायों की मांग की है।