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बजट 2023 : निर्मला सीतारमण ने सीनियर सिटीजंस की पुरानी समस्या दूर कर दी है, यहां जानिए कैसे

Budget 2023: अभी तक SCSS में इनवेस्टमेंट की लिमिट 15 लाख रुपये थी। वित्तमंत्री ने इसे बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने POMIS में निवेश की लिमिट भी बढ़ा दी है। इससे उन सीनियर सिटीजंस को बहुत मदद मिलेगी जिनके लिए रेगुलर इनकम जरूरी है

अपडेटेड Feb 01, 2023 पर 5:42 PM
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Budget 2023: पिछले साल इनफ्लेशन लगातार बढ़ने के बाद ऐसी स्कीमों की डिमांड बढ़ी है, जो ज्यादा इंटरेस्ट रेट ऑफर करते हैं और जिनमें इनवेस्टमेंट पूरी तरह सुरक्षित है।

Budget 2023: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सीनियर सिटीजंस (Senior Citizens) की पुरानी समस्या का समाधान कर दिया है। अब बुजुर्ग लोग आराम से रेगुलर इकम का फायदा उठा सकेंगे। इसके लिए वित्तमंत्री ने दो बड़े ऐलान किए हैं। पहला, उन्होंने सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) में इनवेस्टमेंट की लिमिट बढ़ाकर दोगुनी कर दी है। अब इस स्कीम में कोई सीनियर सिटीजन 30 लाख रुपये इनवेस्ट कर सकता है। पहले यह लिमिट 15 लाख रुपये थी। इस स्कीम में सालाना 8 फीसटी इंटरेस्ट मिलता है। इंटरेस्ट का पेमेंट हर तिमाही होता है। दूसरा, वित्तमंत्री ने पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) में इनवेस्टमेंट की लिमिट भी 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये कर दी है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

दोनों स्कीमों में इनवेस्टमेंट रिस्क-फ्री है

अगर आप POMIS में ज्वाइंट अकाउंट (पत्नी के साथ मिलकर) ओपन करते हैं को इनवेस्टमें की लिमिट 9 लाख रुपये से बढ़कर 15 लाख रुपये होगी। इस स्कीम में इनवेस्टर को हर महीने इंटरेस्ट मिलता है। इसका इंटरेस्ट रेट 7.1 फीसदी है। सरकार ने SCSS और POMIS के इंटरेस्ट रेट में दिसंबर 2022 में बदलाव किया था। चूंकि इन दोनों ही स्कीम में सरकार की गारंटी होती है, जिससे इनमें इनवेस्टमेंट पूरी तरह से रिस्क-फ्री होता है। दोनों स्कीमें ऐसे बुजुर्गों के बीच बहुत पॉपुलर है, जिन्हें रेगुलर इनकम की जरूरत होती है।


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बुजुर्गों को चाहिए रेगुलर इनकम की सुविधा

पिछले साल इनफ्लेशन लगातार बढ़ने के बाद ऐसी स्कीमों की डिमांड बढ़ी है, जो ज्यादा इंटरेस्ट रेट ऑफर करते हैं और जिनमें इनवेस्टमेंट पूरी तरह सुरक्षित है। SCSS का इंटरेस्ट रेट बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट से ज्यादा है। इसलिए इसमें निवेश की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर देने से बुजुर्गों को बहुत फायदा होगा। खासकर ऐसे बुजुर्गों को मदद मिलेगी जो रेगुलर इनकम के लिए ऐसी स्कीमों पर निर्भर हैं।

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5 साल है दोनों स्कीमों की मैच्योरिटी

एससीएसएस और POMIS दोनों ही स्कीमों की अवधि 5 साल होती है। मैच्योरिटी के बाद SCSS की अवधि अतिरिक्त 3 साल के लिए बढ़ाई जा सकती है। दूसरी खास बात यह है कि इसमें सालाना 1.5 लाख रुपये के इनवेस्टमेंट पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन मिलता है। हालांकि, POMIS और SCSS से मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स लगता है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Feb 01, 2023 5:37 PM

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