Budget 2023 : सरकार के आगामी यूनियन बजट में पब्लिक सेक्टर के बैंकों में पूंजी लगाने का ऐलान करने की संभावना नहीं है। दरअसल, पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSB) की वित्तीय सेहत में खासा सुधार हुआ है और उनका कुल प्रॉफिट 1 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। सूत्रों के मुताबिक, उनका कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो (capital adequacy ratio) नियामकीय आवश्यकता से खासा ज्यादा है और यह 14-20 फीसदी के बीच रह सकता है। उन्होंने कहा कि अपने रिसोर्सेज को बढ़ाने के लिए बैंक बाजार से ग्रोथ फंड्स जुटा रहे हैं और नॉन कोर एसेट्स भी बेच रहे हैं।
आखिरी बार कब दिया था कैपिटल सपोर्ट
सरकार ने आखिरी बार 2021-22 में बैंकों को कैपिटल सपोर्ट दिया था। सप्लीमेंट्री डिमांड्स के जरिये पीएसबी के रिकैपिटलाइजेशन के लिए इसने 20,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे। सरकार ने पिछले पांच वित्त वर्ष यानी 2016-17 से 2020-21 के दौरान बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन के लिए 3,10,997 करोड़ रुपये डाले, जिसमें से 34,997 करोड़ रुपये बजटीय आवंटन के जरिये और 2,76,000 करोड़ रुपये रिकैपिटलाइजशन बॉन्ड (recapitalisation bonds) जारी करके हासिल किए गए।
जानिए कितना कमाया प्रॉफिट
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को अपना पांचवां और मोदी 2.0 सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं। सभी 12 पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने पहली तिमाही में लगभग 15,306 करोड़ रुपये का कुल प्रॉफिट कमाया, जो सितंबर तिमाही में बढ़कर 25,685 करोड़ रुपये हो गया।
एसबीआई ने बनाया था रिकॉर्ड
सालाना आधार पर, पहली तिमाही में ग्रोथ दर 9 फीसदी थी जबकि दूसरी तिमाही में यह बढ़कर 50 फीसदी हो गई। दूसरी तिमाही के दौरान, SBI ने 13,265 करोड़ रुपये का अभी तक का सबसे अधिक प्रॉफिट दर्ज किया। सालाना आधार पर यह 74 फीसदी अधिक था। वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में, सभी PSB का कुल प्रॉफिट 32 फीसदी बढ़कर 40,991 करोड़ रुपये हो गया। COVID 19 से जुड़े दबाव के बावजूद 2021-22 में कुल प्रॉफिट दोगुना से अधिक बढ़कर 66,539 करोड़ रुपये हो गया था।
कई पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने लंबे अंतराल के बाद पिछले वित्त वर्ष में डिविडेंड की घोषणा की। SBI सहित कुल नौ बैंकों ने शेयरधारकों के लिए 7,867 करोड़ रुपये के डिविडेंड की घोषणा की।