Budget 2023: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने टैक्सपेयर्स को एक बड़ी राहत दी है। उन्होंने लीव इनकैशमेंट (Leave Encashment) की लिमिट 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी है। उन्होंने 1 फरवरी को बजट भाषण में इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अंतिम बार साल 2002 में लीव इनकैशमेंट पर टैक्स एग्जेम्प्शन की लिमिट 3 लाख रुपये तय की गई थी। यह नॉन-गवर्नमेंट सैलरीड एंप्लॉयीज के लिए थी। तब सरकारी एंप्लॉयी के लिए सबसे ज्यादा बेसिक पे प्रति माह 30,000 रुपये था। उन्होंने कहा कि सैलरी में वृद्धि को देखते हुए मैं इस लिमिट को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव पेश करती हूं।
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एंप्लॉयीज को हर साल कुछ पेड लीव मिलती है
नौकरी करने वाले व्यक्ति (Salaried Person) को हर साल कुछ पेड लीव मिलती है। लेकिन, जरूरी नहीं कि एंप्लॉयी हर साल मिलने वाली इस लीव का पूरा इस्तेमाल करे। उसे इस्तेमाल नहीं की गई लीव को कैरी-फॉरवर्ड करने की सुविधा मिलती है। इससे धीरे-धीरे उसके पास बड़ी संख्या में ऐसी लीव इकट्ठी हो जाती है। इसका इस्तेमाल वह रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने के वक्त करता है। कंपनी इस्तेमाल नहीं की गई पेड लीव के एवज में उसे पैसे का भुगतान करती है। इस कॉन्सेप्ट को लीव इनकैशमेंट कहा जाता है।
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अभी 3 लाख रुपये की लिमिट थी
टैक्स कंसल्टेंसी फर्म TaxBirbal के डायरेक्टर चेतन चंडक ने कहा, "केंद्र और राज्य सरकारों के एंप्लॉयीज को छोड़ दूसरे एंप्लॉयीज की 10 महीने तक की औसत सैलरी तक पेड लीव के इनकैशमेंट को इनकम टैक्स से एग्जेम्प्शन हासिल है। अभी एग्जेम्प्शन के लिए मैक्सिमम अमाउंट 3 लाख रुपये है। यूनियन बजट 2023 में इस लिमिट को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है।"