Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को छठी बार बजट (Union Budget 2024) पेश करेंगी। निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने वाली है क्योंकि उसके बाद देशभर में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कई ऐसे शब्द या कहें कि टर्म्स होती हैं जो आम जनता को कई बार समझ नहीं आती है। यहां आपको ऐसी टैक्स से जुड़ी सामान्य टर्म्स के बारे में बता रहे हैं।
डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स
सरकार की इनकम का मुख्य स्रोत टैक्स होता है, जिसे दो हिस्सों में बांटा जाता है-डायरेक्ट और इनडायरेक्ट। डायरेक्ट टैक्स सीधे आम लोगों और कंपनियों से वसूला जाता है। पर्सनल इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स डायरेक्ट टैक्स के सबसे बड़े स्रोत हैं। इनडायरेक्ट टैक्स गुड्स और सर्विसेज पर लगाया जाता है। इन्हें कंज्यूमर तक चुकाता है जब वह कोई सामान या सेवा खरीदता है। जब कोई चीज विदेश से देश में आयात की जाती है तो उस पर कस्टम ड्यूटी लगती है।
कस्टम्स ड्यूटी क्या होती है?
यह एक तरह की लेवी है जिसे देश में आयात और निर्यात होने वाली चीजों पर लगाया जाता है। इसका पेमेंट आयातक और निर्यातक की तरफ से किया जाता है।
क्या बजट भाषण का कोई स्ट्रक्चर होता है?
बजट भाषण को दो हिस्सों में बांटा गया है। ये हिस्से हैं A और B। बजट के पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था की स्थिति, नीतियों की जानकारी, खर्च और राजकोषीय घाटे के बारे में बताया जाता है। जबकि B पार्ट में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स शामिल होते हैं। अंतरिम बजट में सामान्य तौर पर इनकम टैक्समें कोई खास बदलाव नहीं होता है। सालों से वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पर अर्थव्यवस्था के सुधारों और नीतियों पर सरकार की रिपोर्ट कार्ड पेश करती है।
वित्त विधेयक किसे कहते हैं?
बजट पेश होने के तुरंत बाद वित्त विधेयक (Finance Bill) संसद में पेश किया जाता है। इसमें बजट में घोषित टैक्स के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव शामिल होते हैं।
यूनियन बजट के क्या मायने हैं?
यह सरकार के वित्तीय हिसाब-किताब का व्यापक लेखाजोखा है। इसमें सरकार के रेवेन्यू और एक्सपेंडिचर का पूरा ब्योरा होता है। खत्म हो रहे वित्त वर्ष के वास्तविक आंकड़े (संशोधित अनुमान) और अगले साल के अनुमानित आंकड़े (बजट अनुमान) इसमें शामिल होते हैं।