Union Budget 2024 : कोरोना की महामारी ने साल 2020 में इकोनॉमी को बड़ी चोट पहुंचाई थी। तब कृषि क्षेत्र ने इकोनॉमी को बड़ा सहारा दिया था। वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में एग्रीकल्चर सेक्टर की एवरेज ग्रोथ 5.1 फीसदी थी। अगर कृषि क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया होता तो इकोनॉमी में इन दो सालों के दौरान 1 फीसदी के मुकाबले काफी ज्यादा गिरावट आई होती। यह वित्त वर्ष (2023-24) किसानों के लिए मुश्किल रहा है। स्टैटिस्टिक्स मिनीस्ट्री ने इस वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की ग्रोथ घटकर 1.8 फीसदी रह जाने का अनुमान जताया है। यह पिछले 8 साल में सबसे कम ग्रोथ होगी। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman कृषि क्षेत्र की मदद के लिए उपायों का ऐलान कर सकती हैं। वह 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। लेकिन, कृषि जैसे अहम क्षेत्रों के लिए वित्तमंत्री इसमें कुछ राहत का ऐलान कर सकती हैं।
कृषि उत्पादन पर अल-नीनो का असर
QuantEco Research के इकोनॉमिस्ट्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "2023 में खरीफ के उत्पादन में गिरावट की उम्मीद पहले से थी। पिछले कुछ हफ्तों में रबी की बुवाई की रफ्तार सुस्त पड़ी है। बुआई क्षेत्र अब भी 5.1 फीसदी कम है। इसके अलावा अल-नीनो का असर 2024 में जारी रह सकता है। इससे जनवरी-मार्च 2024 और अप्रैल-जून 2024 में मौसम गर्म होने से रबी फसल के उत्पादन में कमी आ सकती है।" वित्त वर्ष 2024-25 में अल-नीनो का असर खत्म होने की उम्मीद है। इससे 2024 में दक्षिणपश्चिम मानसून की अच्छी बारिश से कृषि उत्पादन को सपोर्ट मिल सकता है।
इकोनॉमी में कृषि सेक्टर का अहम योगदान
देश की अर्थव्यवस्था के लिए कृषि क्षेत्र की अच्छी ग्रोथ जरूरी है। जीडीपी में इस क्षेत्र का करीब 15 फीसदी योगदान है। रोजगार के मामले में इस क्षेत्र का काफी ज्यादा योगदान है। कृषि क्षेत्र में उत्पादन कमजोर रहने से इनफ्लेशन बढ़ने की आशंका पैदा हो सकती है। पिछले साल के मध्य में ऐसा देखा जा चुका है। ग्रामीण और शहरी आबादी पर कृषि क्षेत्र में उत्पादन का बड़ा असर पड़ता है।
बजट 2024 में कृषि समुदाय के लिए हो सकता है बड़ा ऐलान
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अंतरिम बजट में बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं है। लेकिन, अगर वित्तमंत्री लोकसभा चुनावों से पहले कृषि समुदाय के लिए बड़ा ऐलान करती हैं तो इस पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पहले से यह चर्चा चल रही है कि सरकार प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि के तहत किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता बढ़ा सकती है। अभी इस स्कीम के तहत किसान को एक साल में 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है। सरकार इसे बढ़ाकर सालाना 8,000 रुपये करने का ऐलान अंतरिम बजट में पेश कर सकती है। इस योजना को शुरू करने का ऐलान भी 2019 के अंतरिम बजट में हुआ था।