Union Budget 2024 : सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए फूड और फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए 4 लाख करोड़ रुपये का आवंटन कर सकती है। सरकार से जुड़े दो सूत्रों ने यह बताया है। उन्होंने संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में लोकसभा चुनावों को देखते हुए सरकार खर्च के मामले में सावधानी बरतना चाहती है। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। अगले वित्त वर्ष का पूर्ण बजट अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद आएगा। चुनाव के बाद जो नई सरकार बनेगी वह जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी। इस वित्त वर्ष के दौरान सरकार के कुल 45 लाख करोड़ रुपये के बजट खर्च में फूड और फर्टिलाइजर सब्सिडी की 13 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है।
बजट 2024 में फूड सब्सिडी 2.2 लाख करोड़ रहने का अनुमान
मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर्स अफेयर्स, फूड एवं पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन ने अगले वित्त वर्ष में फूड सब्सिडी बिल 2.2 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है। दो सूत्रों ने यह जानकारी दी है। यह इस वित्त वर्ष में अनुमानित करीब 2 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा है। अगले वित्त वर्ष में फर्टिलाइजर सब्सिडी 1.75 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इस वित्त वर्ष में अनुमानित फर्टिलाइजर सब्सिडी करीब 2 लाख करोड़ रुपये है।
चुनावों से पहले आम तौर पर बढ़ता है सब्सिडी खर्च
सब्सिडी आवंटन के फैसले से सीधे तौर पर जुड़े सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी। इस बारे में प्रतिक्रिया मांगने पर मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस, मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स और मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन ने कुछ बताने से इनका कर दिए। लोकसभा चुनाव वाले साल में सरकार के लिए सब्सिडी खर्च को मौजूदा स्तर पर बनाए रखना असामान्य है। उम्मीद है कि अप्रैल-मई में चुनावों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब होंगे।
इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट का टारगेट 5.9 फीसदी
फिस्कल डेफिसिट को बढ़ने से रोकने के लिए फूड और फर्टिलाइजर सब्सिडी को नियंत्रण में रखना जरूरी है। इस वित्त वर्ष में सरकार ने फिस्कल डेफिसिट के लिए 5.9 फीसदी का टारगेट तय किया है। सरकार का प्लान इसे अगले वित्त वर्ष में कम से कम आधा फीसदी कम रखने का है। लेकिन, अगले साल फूड सब्सिडी बढ़ने के आसार हैं। इसकी वजह यह है कि सरकार ने गरीब लोगों के लिए मुफ्त अनाज की योजना अगले पांच साल के लिए बढ़ा दी है।