Budget 2024: वित्तीय अनुशासन से समझौता नहीं, RBI से मिले डिविडेंड से वेल्फेयर स्कीम पर खर्च बढ़ाने में मिलेगी मदद

India Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय अनुशासन से कोई समझौता नहीं किया है। फिस्कल डेफिसिट में कमी लाने का संकल्प उन्होंने दोहराया है। साथ ही वेल्फेयर स्कीम सहित समाज के उन वर्गों को राहत देने की कोशिश की है, जिन्हें इसकी जरूरत है

अपडेटेड Jul 23, 2024 पर 7:20 PM
Story continues below Advertisement
Budget 2024-25: बजट में सरकार का कुल खर्च 48.2 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है। यह 2023-24 के 44.43 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 8.5 फीसदी ज्यादा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को जो बजट पेश किया, वह बहुत ध्यान से तैयार किया गया बजट है। इसमें सरकार का खर्च पिछले साल के मुकाबले 3.7 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है। लेकिन, सरकार ने वेल्फेयर स्कीम पर खर्च बढ़ाने के लिए फिस्कल डिसिप्लीन की अनदेखी नहीं की है। संभवत: यह लोकसभा चुनावों के बाद राजनीति का तकाजा हो सकता है। केंद्र की नई एनडीए सरकार के पहले बजट में फिस्कल डेफिसिट के टारगेट को घटा दिया गया है। इसे अंतरिम बजट के 5.1 फीसदी से घटाकर 4.9 फीसदी कर दिया गया है।

वित्तीय अनुशासन पर सरकार का फोकस

वित्तमंत्री ने 2021-22 के बजट भाषण में किए वादे को पूरा करने का संकलप दोहराया है। इसमें 2025-26 तक फिस्कल डेफिसिट को जीडीपी के 4.5 फीसदी तक लाने की बात कही गई थी। 2024-25 के लिए प्राइमरी डेफिसिट 1.4 फीसदी रखा गया है, जो 2023-24 के 2 फीसदी के संशोधित अनुमान से कम है। यह अंतरिम बजट के 1.5 फीसदी के अनुमान से भी कम है। प्राइमरी डेफिसिट यह बताता है कि कर्ज से जुटाए गए पैसे का कितना हिस्सा इंटरेस्ट चुकाने पर खर्च हो रहा है। अगर इसका टारगेट मार्च 2025 तक हासिल हो जाता है तो इसका मतलब है कि सरकार का इंटरेस्ट पर होने वाला खर्च काफी घट जाएगा। यह सरकार की अच्छी वित्तीय सेहत का संकेत होगा।


कैपिटल एक्सपेंडिचर के अनुमान में बदलाव नहीं

बजट में सरकार का कुल खर्च 48.2 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है। यह 2023-24 के 44.43 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 8.5 फीसदी ज्यादा है। सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर के अपने पहले के 11.11 लाख करोड़ रुपये के टारगेट को बनाए रखा है। सरकार ने इस साल 1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में यह अनुमान तय किया था। बजट में जो चीज बदली है वह है सरकार का रेवेन्यू एक्सपेंडिचर प्लान। इसके 2024-25 में बढ़कर 37.09 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है।

समाज के उस तबके पर ज्यादा फोकस जिसे मदद की जरूरत है

कुल खर्च में रेवेन्यू एक्सपेंडिचर की फीसदी में हिस्सेदारी लगातार घट रही है। 2017-18 में यह करीब 88 फीसदी थी, जो अंतरिम बजट में घटकर 77 फीसदी पर आ गई थी। एक बार फिर से थोड़ी बढ़ सकती है। यह समाज के उन वर्गों पर सरकार का फोकस बढ़ने का संकेत है, जो मुश्किल में हैं। इसमें किसान, छोटे उद्यम और ग्रामीण इलाके शामिल हैं। सरकार ने खर्च बढ़ाकर रोजगार के मौके बढ़ाने की कोशिश की है।

एनडीए सरकार के सहयोगी दलों की मांगें पूरी करने की कोशिश

वित्तमंत्री ने बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए ऐलोकेशन बढ़ाया है। उन्होंने टीडीपी के एन चंद्रबाबु नायडू और जदयू के नीतीश कुमार की मांगें पूरी करने की कोशिश की हैं। RBI से 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड मिलने से सरकार के पास खर्च बढ़ाने की गुंजाइश है। उधर, वित्तमंत्री ने रेवेन्यू का महत्वाकांक्षी टारगेट रखा है। उन्होंने टोटल टैक्स रेवेन्यू 25.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है। यह 23-24 के 23.26 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 11 फीसदी ज्यादा है।

टैक्स कलेक्शन की ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद

2024-25 में इनकम टैक्स कलेक्शन भी बढ़कर 11.56 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाने का अनुमान जताया गया है। यह 2023-24 के 10.22 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 13 फीसदी ज्यादा है। वित्तमंत्री ने जीएसटी कलेक्शन की ग्रोथ भी अच्छी रहने की उम्मीद जताई है। 2024-25 में जीएसटी कलेक्शन 10.67 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। यह 2023-24 के 9.56 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 11.6 फीसदी ज्यादा है। डिसइनवेस्टमेंट से 50,000 रुपये के अंतरिम बजट के अनुमान को बनाए रखा गया है। यह 2023-24 के 30,000 करोड़ रुपये से 40 फीसदी ज्यादा है।

Gaurav Chowdhry

Gaurav Chowdhry

First Published: Jul 23, 2024 7:10 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।