सरकार ने 1983 के यूनियन बजट (Union Budget) में एक ऐसा फैसला लिया था, जिसकी बहुत चर्चा हुई थी। सरकार के इस फैसले के बारे में कई लोगों को जानकारी नहीं है। सरकार ने महिलाओं खासकर गृहणियों को राहत देने के लिए प्रेशर कुकर पर उत्पाद शुल्क हटाने का ऐलान किया था। सरकार का मानना था कि ऐसा करने से 'फ्यूल बिल' में कमी आएगी। साथ ही इससे फूड की न्यूट्रिशनल वैल्यू भी बनी रहेगी। सरकार जरूरत के हिसाब से पहले हर बजट में कुछ चीजों पर टैक्स घटाती थी और कुछ चीजों पर बढ़ाती थी। इसका ऐलान यूनियन बजट में होता था। लेकिन, 2017 में जीएसटी की व्यवस्था लागू होने के बाद से चीजों पर टैक्स घटाने या बढ़ाने का प्रस्ताव यूनियन बजट में शामिल नहीं होता है। अब जीएसटी काउंसिल चीजों पर टैक्स घटाने या बढ़ाने के फैसले लेती है।
इस बजट में नोटबंदी पर सरकार की सफाई
1978-79 का बजट नोटबंदी को लेकर सरकार की सफाई के लिए याद किया जाता है। दरअसल, बजट पेश होने से एक महीना पहले सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था। यूनियन बजट में सरकार ने अपने इस फैसले के मकसद के बारे में बताया था। तब नोटबंदी का ऐलान सरकार ने 16 जनवरी, 1978 को किया था। जनता पार्टी की सरकार ने 1,000 रुपये, 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट का चलन बंद करने का फैसला किया था। सरकार ने बजट में कहा था कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए यह फैसला लिया गया है। उसके 28 साल बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में नोटंबदी का फैसला किया था।
बजट में मिनिमम अल्टरनेट टैक्स लगाने का ऐलान
1987-88 का बजट टैक्स से जुड़े एक बड़े फैसले के लिए याद किया जाता है। तब प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) लगाने का ऐलान किया था। यह टैक्स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जो कई तरह के एग्जेम्प्शंस का दावा करने की वजह से कोई टैक्स नहीं चुकाती हैं। यह टैक्स तब से जारी है। प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इस कदम से सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिली थी। हालांकि, शून्य टैक्स का लाभ उठाने वाली छोटी कंपनियों ने इस कदम का विरोध किया था।
किसान विकास पत्र की शुरुआत
वित्त वर्ष 1988-89 का यूनियन बजट निवेश के एक अहम इंस्ट्रूमेंट की शुरुआत के लिए याद किया जाता है। इसका नाम है किसान विकास पत्र। इसकी शुरुआत ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को सेविंग्स का मौका देने के लिए किया गया था। किसान विकास पत्र में निवेश करने पर टैक्स छूट मिलती है। यह इंस्ट्रूमेंट अब भी है। इसका इस्तेमाल निवेश पर टैक्स बचाने के लिए निवेशक करते हैं। इस स्कीम में निवेश पर सालाना 7.5 फीसदी इंटरेस्ट मिलता है। इस स्कीम में 1000 रुपये का न्यूनतम निवेश किया जा सकता है।