Budget 2024 : केंद्रीय बजट पेश होने में कुछ ही हफ्तों का समय बचा है। इस बीच इस बजट को लेकर तरह-तरह की उम्मीदें लगाई जा रही हैं। हालांकि, यह Interim Budget है। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman यह साफ कर चुकी हैं कि इस बजट में बड़े ऐलान नहीं होंगे। 7 दिसंबर को उद्योग चैंबर सीआईआई के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि बड़े ऐलान के लिए जुलाई तक इंतजार करना होगा। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद केंद्र में जो नई सरकार बनेगी वह वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करेगी। इससे पहले 2019 में लोकसभा चुनाव हुए थे। तब केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था। लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में दोबारा प्रधानमंत्री की सरकार बनी थी। नई सरकार की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को पूर्ण बजट पेश किया था। केंद्रीय बजट को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि बजट कैसे तैयार होता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
बजट 2024 : बजट 1 अप्रैल से 31 मार्च तक का होता है
सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि बजट की अवधि 1 अप्रैल से अगले साल 31 मार्च तक होती है। सरकार इस अवधि में अपनी इनकम और खर्च का अनुमान पेश करती है। यह काम देखने में जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। इसकी वजह यह है कि सरकार की इनकम के अलग-अलग स्रोत हैं। हर स्रोत का अंदाजा सरकार को अलग से लगाना पड़ता है। उसी तरह सरकार के खर्च के लिए अलग-अलग विभाग हैं। यही वजह यहै कि बजट तैयार करने की प्रक्रिया पेश होने की तारीख से करीब 5 महीने पहले शुरू हो जाती है।
बजट 2024 : सभी मंत्रालयों से मांगा जाता है खर्च का अनुमान
वित्त मंत्रालय सरकार के सभी मंत्रालयों से अगले वित्त वर्ष में उनके खर्च का प्रस्ताव मांगता है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी अपनी डिमांड बताने को कहा जाता है। सभी मंत्रालयों के अधिकारी अगले वित्त वर्ष के अपने जरूरी खर्च और योजनाओं को ध्यान में रख फंड की अपनी जरूरत के बारे में वित्त मंत्रालय को बताते हैं।
बजट 2024 : प्रस्तावों पर वित्र मंत्रालय में विचार
रेवेन्यू सेक्रेटरी को सभी मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्ताव भेजे जाते हैं। इन पर वित्त मंत्रालय के शीर्ष स्तर के अधिकारी विचार करते हैं। खासकर डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर और नीति आयोग इनका विश्लेषण करता है। फिर स्वीकृत करने के बाद इन्हें वित्त मंत्रालय को भेज दिया जाता है। फिर वित्त मंत्रालय अपने रेवेन्यू का अंदाजा लगाता है। उसके बाद वह प्रस्तावित खर्च को देखने के बाद यह पता लगाने की कोशिश करता है कि बजट डेफिसिट कितना रहेगा। उसके बाद हर मंत्रालय को पैसे का आवंटन तय कर दिया जाता है।
बजट 2024 : बजट पेश होने से पहले विचार
बजट के लिए एलोकेशन के बाद वित्तमंत्रालय कई पक्षों की मांग जानने की कोशिश करता है। इनमें बैंकर्स, किसान, इकोनॉमिस्ट्स सहित कई वर्गों के प्रतिनिधि होते हैं। उनकी मांग के बारे में विस्तार से जानने के बिद वित्तमंत्री अंतिम फैसला लेने से पहले प्रधानमंत्री को सारी बातों से अवगत कराती है।
बजट पेश होने के कुछ दिन पहले नॉर्थ ब्लॉक में हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। बजट टीम के सदस्यों को हलवा बांटा जाता है। इसमें वित्तमंत्री भी शामिल होती हैं। इसके बाद बजट टीम के सभी अधिकारियों का बाहरी दुनिया से संपर्क कट जाता है। बजट की प्रिंटिंग तक उन्हें कहीं जाने और फोन करने या फोन रिसीव करने की इजाजत नहीं होती है। इंटेलिजेंस के अफसर उन पर नजर रखते हैं।
बजट 2024 : बजट प्रजेंटेशन
वित्तमंत्री बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति की मंजूरी हासिल करती हैं। उसके बाद वह कैबिनेट को बजट के बारे में बताती हैं। फिर वह 1 फरवरी को दिन में 11 बजे संसद पहुंचती हैं। वह संसद में बजट पेश करती है। इस दौरान उनका बजट भाषण होता है। बजट भाषण आम तौर पर एक से डेढ़ घंटे का होता है। इसमें सरकार के अगले वित्त वर्ष के लिए सभी तरह के प्रस्ताव होते हैं। हर मंत्रालय के आवंटन की जानकारी होती है। नई योजनाओं के ऐलान और उनकी जानकारी होती है।