स्टॉक मार्केट को यूनियन बजट से काफी उम्मीद हैं। सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ाने के साथ फिस्कल कंसॉलिडेशन पर फोकस कर सकती है। इससे बाजार का सेंटिमेंट मजबूत होगा। उधर, डिफेंस, हेल्थ जैसे सेक्टर के लिए ऐलोकेशन बढ़ने से इन सेक्टर की कंपनियों के शेयरों तेजी आएगी। हालांकि, मार्केट पार्टिसिपेट्स को कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ने की चिंता सता रही है। इस बीच मनीकंट्रोल ने स्टॉक मार्केट के दिग्गज निवेशकों से बजट के बारे में उनकी राय जानने की कोशिश की है।
समीर अरोड़ा, फाउंडर-हेलियस कैपिटल
समीर अरोड़ा ने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में बदलाव नहीं करने की सलाह दी है। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए बताया है कि रिफॉर्म्स के उपायों के बावजूद अगर निवेशकों के हितों का ध्यान नहीं रखा जाता है तो स्टॉक मार्केट के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि स्टैबिलिटी बहुत जरूरी है। इसलिए उन्होंने सरकार को कैपिटल गेंस टैक्स के रेट्स और नियम एवं शर्तों में बदलाव नहीं करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि अगर सरकार कैपिटल गेंस टैक्स में बदलाव करती है तो इसका असर मार्केट सेंटिमेंट पर पड़ सकता है।
कैपिटल गेंस टैक्स पर रामदेव अग्रवाल की राय समीरा अरोड़ा की राय जैसी है। उन्होंने कहा कि स्टॉक मार्केट के लिए बेस्ट बजट वह होगा, जिसमें किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। उनका मानना है कि स्टॉक मार्केट के लिए स्थितयां अनुकूल हैं और इसे बनाए रखने के लिए सरकार को टैक्स में बदलाव नहीं करना चाहिए। उन्होंने सालाना 12 लाख रुपेय तक इनकम को टैक्स से छूट देने की सलाह भी सरकार को दी।
विजय केडिया, एमडी-केडिया सिक्योरिटीज
कैपिटल गेंस टैक्स के बारे में केडिया की राय अलग है। उनका मानना है कि यह कैपिटल गेंस टैक्स में बदलाव करने का सही समय है। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गैंस के नियमों में थोड़ा बदलाव हो सकता है। सरकार टैक्स के रेट को 10 से बढ़ाकर 15 फीसदी या 20 फीसदी कर सकती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के लिए होल्डिंग पीरियड को भी 12 महीने से बढ़ाकर 24 महीने किया जा सकता है।"