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Budget 2024 : कृषि-कर्ज का टारगेट बढ़ाकर 22-25 लाख करोड़ कर सकती हैं वित्तमंत्री

Budget 2024 : किसान को सालाना 7 फीसदी की रियायती दर पर बैंकों से कृषि के लिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज मिलता है। सरकार उन किसानों के मामले में 3 फीसदी का सबवेंशन देती है, जो समय पर अपना कर्ज चुका देते हैं। किसान लंबी अवधि के लिए भी लोन ले सकते हैं। लेकिन, उस पर इंटरेस्ट रेट मार्केट के हिसाब से लगता है

अपडेटेड Jan 22, 2024 पर 6:07 PM
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Union Budget 2024 : इस वित्त वर्ष के लिए सरकार ने एग्री-क्रेडिट के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। इसमें से दिसंबर 2023 तक करीब 82 फीसदी हासिल हो चुका था। इस दौरान सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने करीब 16.37 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बांटे हैं।

Interim Budget 2024 : वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज का का टारगेट बढ़ा सकती हैं। वह अगले वित्त वर्ष के लिए एग्री-क्रेडिट का टारगेट बढ़ाकर 22-25 लाख करोड़ रुपये कर सकती हैं। सरकार यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि शर्तें पूरी करने वाले हर किसान को कर्ज मिलने में दिक्कत न हो। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस वित्त वर्ष के लिए सरकार ने कृषि कर्ज के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था।

सालाना 7 फीसदी इंटरेस्ट पर मिलता है कृषि कर्ज

अभी सरकार सभी वित्तीय संस्थानों को 3 लाख रुपये तक की छोटी अवधि के कृषि कर्ज पर 2 फीसदी का सबवेंशन देती है। इसका मतलब है कि किसान को सालाना 7 फीसदी की रियायती दर पर बैंकों से कृषि के लिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज मिलता है। सरकार उन किसानों के मामले में 3 फीसदी का सबवेंशन देती है, जो समय पर अपना कर्ज चुका देते हैं। किसान लंबी अवधि के लिए भी लोन ले सकते हैं। लेकिन, उस पर इंटरेस्ट रेट मार्केट के हिसाब से लगता है।


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बजट 2024 में एग्री-क्रेडिट का टारगेट बढ़ा सकती है सरकार

सूत्रों ने बताया कि अगले वित्त वर्ष में एग्री-क्रेडिट का टारगेट बढ़ाकर सरकार 22-25 लाख करोड़ रुपये कर सकती है। सरकार का फोकस एग्री-क्रेडिट पर बढ़ा है। सरकार उन किसानों को कृषि कर्ज उपलब्ध कराने के लिए कई प्रोग्राम चला रही हैं, जिन्हें शर्तें पूरी करने के बावजूद कृषि कर्ज नहीं मिला है। कृषि मंत्रालय ने इसके लिए 'क्रेडिट' पर एक अलग डिवीजन बनाया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कृषि और इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों के लिए क्रेडिट डिस्बर्सल पिछले 10 साल में टारगेट से ज्यादा रहा है।

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इस वित्त वर्ष के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का टारगेट

इस वित्त वर्ष के लिए सरकार ने एग्री-क्रेडिट के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। इसमें से दिसंबर 2023 तक करीब 82 फीसदी हासिल हो चुका था। इस दौरान सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने करीब 16.37 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बांटे हैं। सूत्र ने बताया, "इस वित्त वर्ष के दौरान भी कृषि कर्ज टारगेट को पार कर जाएगा।" सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान एग्री-क्रेडिट के लिए 18.50 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। लेकिन, कुल डिस्बर्सल 21.55 लाख करोड़ रुपये था।

किसान क्रेडिट कार्ड से 7 करोड़ किसानों ने लिया है कर्ज

किसान क्रेडिट कार्ड नेटवर्क के जरिए 7.34 करोड़ किसानों ने कृषि कर्ज की सुविधा का इस्तेमाल किया है। 31 मार्च, 2023 तक आउस्टैंडिंग अमाउंट (जो कर्ज अभी लौटाया नहीं गया है) 8.85 लाख करोड़ रुपये था। 2019 की NSS रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में ऐसे 50.2 फीसदी परिवार हैं, जिन पर कर्ज है। इसमें से 69.6 फीसदी कर्ज संस्थागत स्रोतों से लिए गए हैं। एनएसएस रिपोर्ट से पता चलता है कि ऐसे कृषि परिवारों की संख्या काफी ज्यादा है, जिनकी पहुंच संस्थागत कर्ज तक नहीं है।

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