Budget 2024 : ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन और नेचुरल गैस पर फोकस बढ़ाना होगा। ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री का कहना है कि नेचुरल गैस की खपत बढ़ाने के लिए सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन में रिफॉर्म्स (CGD) जरूरी है। उधर, पावर सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार रिन्यूएबल एनर्जी के स्रोतों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने वाले उपायों का ऐलान करेगी। 2023 में ऑयल एंड गैस सेक्टर को क्रूड ऑयल के इंटरनेशनल प्राइसेज में काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। जियोपॉलिटिकल टेंशन के साथ ही सप्लाई में कमी और डिमांड बढ़ने की आशंका से कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। लेकिन, बाद में क्रूड ऑयल की कीमतें कमजोर मांग की वजह से 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गईं। उसके बाद ओपेक प्लस देशों के सप्लाई में कमी करने से दोबारा 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं। साल के अंत में कीमत ओवरसप्लाई की वजह से 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई।
2023 में पीक पावर डिमांड सरकार के अनुमान से ज्यादा
सितंबर 2023 में पावर की डिमांड 240 GW के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई। यह सरकार के 230 GW की पीक डिमांड के अनुमान से ज्यादा था। पावर मिनिस्ट्री ने 2023 में थर्मल कोल-बेस्ड पावर जेनरेशन कैपेसिटी 80 GW बढ़ाने की जरूरत बताई थी। सरकार ने 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी की उत्पादन क्षमता 500 GW करने का लक्ष्य तय किया है। यह पेरिस समझौते को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। रिन्यूएबल एनर्जी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर काम चल रहा है। 2023 में क्षमता 170 GW को पार कर गई है। लेकिन, 2030 तक 500 GW के लक्ष्य को देखते हुए इस पर फोकस बढ़ाना होगा।
बजट 2024 ग्रीन और सस्टेनेबल एनर्जी सेक्टर के लिए बढ़ सकता है आवंटन
ऑयल एंड गैस सेक्टर को उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट में ग्रीन और सस्टेनेबल एनर्जी सेक्टर के लिए आवंटन बढ़ाएंगी। सरकारी ऑयल कंपनियां नेट जीरो टारगेट पर फोकस कर रही हैं। वे रिन्यूएबल एनर्जी के स्रोतों में निवेश बढ़ा रही हैं। वित्तमंत्री ने 1 फरवरी, 2023 को पेश बजट में सरकार ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। लेकिन, अब तक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को यह पैसा नहीं मिला है।
रिन्यूएबल पर पूंजीगत खर्च बढ़ाना होगा
एनालिस्ट्स का कहना है कि सरकार को रिन्यूएबल एनर्जी पर पूंजीगत खर्च बढ़ाना होगा। इससे एक तरफ रोजगार के मौके बढ़ेंगे तो दूसरी तरफ विंड और सोलर एनर्जी सेक्टर में डायवर्सिफिकेशन आएगा। 1 फरवरी को पेश बजट में सरकार टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, देश में टेक्नोलॉजी को विकसित करने पर फोकस बढ़ा सकती है। विदेशी मुद्रा की बचत के लिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने वाली पहल का ऐलान हो सकता है। इसके अलावा जीएसटी रेट्स में कमी के साथ मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए इनसेंटिव का ऐलान किया जा सकता है।