Union Budget 2024 : हेल्थकेयर इंडस्ट्री को यूनियन बजट से काफी उम्मीदें हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। हेल्थकेयर इंडस्ट्री का मानना है कि सरकार इस हेल्थकेयर सेक्टर के लिए आवंटन बढ़ाने के साथ ही पॉलिसी के लेवल पर बदलाव करेगी, जिससे हेल्थकेयर सर्विसेज (Healthcare Services) तक आम आदमी की पहुंच बढ़ेगी। केयर हॉस्पिटल ग्रुप के सीईओ जसदीप सिंह ने कहा कि हेल्थकेयर सेक्टर के लिए आवंटन बढ़ाने से बड़े शहरों के साथ ही टियर 2 और टियर 2 शहरों में हेल्थकेयर सर्विसेज तक आम आदमी की पहुंच बढ़ेगी। सरकार को हेल्थकेयर सेक्टर में जीएसटी के रेट्स में भी बदलाव करने की जरूरत है। सरकार को हेल्थकेयर इंश्योरेंस, मेडिकल सप्लाई, टेलीमेडिसिन और मेडिकल टूरिज्म पर फोकस बढ़ाने की जरूरत है।
हॉस्पिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के उपाय करने होंगे। कोरोना की महामारी के दौरान हेल्थ फैसिलिटीज पर दबाव काफी बढ़ गया था। खासकर छोटे शहरों में क्वालिटी हेल्थकेयर सर्विसेज की बड़ी कमी महसूस की गई थी। यह वक्त पिछले अनुभव से सबक लेने का है। सरकार को खासकर छोटे शहरों में हेल्थकेयर सर्विसेज को आम आदमी की पहुंच में लाने के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत है। इससे हेल्थ सर्विसेज के ओवरऑल लेवल में भी इम्प्रूवमेंट होगा। हेल्थकेयर सर्विसेज से जुड़े लोगों की ट्रेनिंग पर भी फोकस बढ़ाना होगा। हेल्थकेयर स्टाफ की स्किल बढ़ने से हेल्थकेयर सर्विसेज की क्वालिटी बढ़ेगी।
मेडिकल एजुकेशन और ट्रेनिंग के लिए बढ़ाना होगा आवंटन
प्रयाग हॉसिपटल ग्रुप की सीईओ प्रीतिका सिंह ने कहा कि एडवान्स मेडिकल टेक्नोलॉजी के लिए आवंटन बढ़ाने की जरूरत है। सरकार हेल्थकेयर सेक्टर में इनवेस्टमेंट पर टैक्स इनसेंटिव का ऐलान कर सकती है। इस सेक्टर में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। मेडिकल एजुकेशन और ट्रेनिंग के लिए भी आवंटन में इजाफा करना होगा। प्रिवेंटिव हेल्थकेयर उपायों को प्राथमिकता में शामिल करना होगा। इससे आबादी को स्वस्थ्य रखने में मिलेगी। इससे हेल्थकेयर सिस्टम पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी।
डॉक्टर-पेशेंट कम्युनिकेशन पर फोकस बढ़ाना होगा
एसएमएस साइंटिफिक के सीईओ और फाउंडर नरेश आहूजा ने कहा कि पेशेंट एजुकेशन और अवेयरनेस बहुत जरूरी हैं। कंसल्टेशंस के दौरान हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स और पेशेंट्स के बीच सही कम्युनिकेशन के लिए टूल जरूरी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर-पेशेंट कम्युनिकेशन को बढ़ावा देने वाले टूल और प्रोडक्ट्स पर टैक्स में राहत दी जानी चाहिए। इससे न सिर्फ लोगों को बेहतर मेडिकल सर्विसेज उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी बल्कि हेल्थकेयर सिस्टम की क्वालिटी में सुधार आएगा।