पिछले 10 साल में देश में कृषि उत्पादन (Agriculture Production) में बड़ा उछाल आया है। फाइनेंशियल ईयर 2013-14 में देश में कृषि उत्पादन 12.92 करोड़ टन था, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 33.05 करोड़ टन पहुंच गया। कृषि निर्यात भी FY में 50 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। FY14 में यह 37.29 अरब डॉलर था। इस दौरान कृषि क्षेत्र को बजट आवंटन FY15 में 22,652 करोड़ रुपये से बढ़कर FY24 में 1.15 लाख करोड़ रुपये हो गया। सरकार का फोकस हर बजट में किसानों की इनकम बढ़ाने पर रहा है। सरकार ने सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में पैसे डालने की स्कीम भी शुरू की है। 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत हुई थी। इसके तहत किसान के बैंक खाते में हर साल 6000 रुपये सरकार ट्रांसफर करती है। इसके अलावा किसानों को क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम और इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम के जरिए किसानों की मदद सरकार करती है।
सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के बजट में डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेल्फेयर के लिए 1.24 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया था। इसका करीब 83 फीसदी तीन स्कीमों के लिए है, जिनके जरिए सीधे किसानों के बैंक अकाउंट्स में पैसा ट्रांसफर होता है। 55 फीसदी पैसा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए है। 13 फीसदी पैसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए है। करीब 16 फीसदी पैसा इंटरेस्ट सब्सिडी के लिए है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
यह क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम 2016 में लॉन्च हुई थी। पहले की बीमा की स्कीमों को वापस ले लिया गया था। 2-16-17 में इस स्कीम के तहत कवरेज एरिया 30 फीसदी था, जिसे FY18 में बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया था। अगले साल यानी FY19 में इसे बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया गया। शुरुआत में इस स्कीम के लिए 5,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। लेकिन, डिस्बर्समेंट अमाउंट बढ़कर 13,240 करोड़ रुपये पहुंच गया। अगले साल इसके लिए 9,000 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ। 2018 में 13,000 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ। 2019 में 14,000 करोड़ रुपये और 2020 में 16,000 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ। बाद के सालों में आवंटन पहले के अमाउंट के करीब रहा है।
इस स्कीम की शुरुआत 2006-07 में हुई थी। इस स्कीम के तहत 7 फीसदी इंटरेस्ट रेट पर किसानों को एक साल में 3 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। इसका इस्तेमाल वे कृषि कार्य के लिए करते हैं। सरकार इस स्कीम के तहत उन किसानों को अतिरिक्त 3 फीसदी सब्सिडी देती है, जो समय पर अपना लोन चुका देते हैं। इस तरह किसान के लिए इस स्कीम में इंटरेस्ट रेट घटकर 4 फीसदी रह जाता है। इस स्कीम के लिए 2016 से ही काफी बजट आवंटित किया जाता रहा है। वित्त वर्ष 2016-17 में इस स्कीम के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 23,000 करोड़ रुपये पहुंच गया।