Budget 2024 : वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह Interim Budget होगा। इसके बावजूद टैक्सपेयर्स को वित्तमंत्री की तरफ से राहत मिलने की उम्मीद है। उनका मानना है कि वित्तमंत्री टैक्स के नियमों को आसान बनाएंगी। हालांकि, वे यह मानते हैं कि बड़े ऐलान अगले वित्त वर्ष के पूर्ण बजट में हो सकते हैं। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होंगे। इसके बाद जो नई सरकार बनेगी वह पूर्ण बजट पेश करेगी। इसके जुलाई में पेश होने की उम्मीद है। Deloitte की पार्टनर ताप्ती घोष ने अंतरिम बजट से अपनी उम्मीदों के बारे में बताया है। उन्होंने यह भी बताया कि किन सेक्टर पर इस बजट में वित्तमंत्री का फोकस हो सकता है।
बजट 2024 : एनआरआई के घर बेचने के नियम को आसान बनाया जाए
अभी अगर कोई नॉन-रेजिडेंट इंडियन घर बेचता है तो खरीदार को पर्चेज वैल्यू का 1 फीसदी टीडीएस के रूप में जमा करना पड़ता है। ऐसा तब होता है जब प्रॉपर्टी की वैल्यू 50 लाख रुपये से ज्यादा होती है। रेजिडेंट इंडियन के घर बेचने पर यह नियम लागू नहीं होता है। यह सिर्फ NRI के घर बेचने पर लागू होता है। घोष का मानना है कि सरकार को एनआरआई से जुड़े इस नियम को आसान बनाना चाहिए। एनआरआई के लिए भी नियम रेजिडेंट इंडियन जैसे होने चाहिए।
बजट 2024 : NRI को विदेशी अकाउंट से टैक्स पेमेंट की इजाजत दी जाए
अभी एनआरआई को टैक्स पेमेंट इंडिया में अपने बैंक अकाउंट से करना पड़ता है। घोष का कहना है कि उन्हें विदेश में अपने बैंक अकाउंट से टैक्स चुकाने की इजाजत दी जानी चाहिए। इससे उनके लिए इंडियन बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने की अनिवार्यता नहीं रह जाएगी। इससे बड़ी संख्या में विदेश में कामकाज के लिए रहने वाले इंडियन लोगों को आसान होगी।
बजट : ई-वेरिफिकेशन के लिए विदेशी मोबाइल नंबर के इस्तेमाल की इजाजत दी जाए
घोष का कहना है कि ई-वेरिफिकेशन के लिए विदेशी मोबाइल नंबर के इस्तेमाल की इजाजत दी जानी चाहिए। इससे NRI के लिए वेरिफिकेशन प्रोसेस आसान हो जाएगा। इससे पेपरवर्क और एडमिनिस्ट्रेटिव टास्क से भी छुटाकार मिलेगा, जिससे टैक्स रिटर्न फाइल करने में दिलचस्पी बढ़ेगी।
बजट 2024 : एआईएस का दायरा बढ़ाया जाए
घोष का कहना है कि सरकार को एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) का दायरा बढ़ाना चाहिए। इसमें एंप्लॉयर प्रोविडेंट फंड, नेशनल पेंशन स्कीम आदि से जुड़ ट्रांजेंक्शंस भी शामिल किए जाने चाहिए। इससे टैक्सपेयर को टैक्स रिटर्न फाइलिंग की तैयारी करने में ट्रांजेक्शन की हर जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। एआईएस में सिक्योरिटी और म्यूचुअल फंड्स से जुड़ी जानकारी में उनके एक्विजिशन और कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन को भी शामिल करने की जरूरत है।