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Budget 2024: कभी सरकार ने खत्म कर दिया था कैपिटल गेन टैक्स, बजट के इतिहास से जुड़े 10 अहम सवाल

Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। 1 फरवरी 2024 को सालाना केंद्रीय बजट से पहले सभी की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं। हालांकि, आने वाला बजट 'अंतरिम' होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि 2024 एक आम चुनाव वाला साल है, जिसमें राष्ट्रीय चुनाव अप्रैल-मई में होने हैं

अपडेटेड Jan 08, 2024 पर 5:47 PM
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Budget 2024: कैपिटल गेन टैक्स, जो एक समय बजट में हटा दिया गया था।

Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। 1 फरवरी 2024 को सालाना केंद्रीय बजट से पहले सभी की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं। हालांकि, आने वाला बजट 'अंतरिम' होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि 2024 एक आम चुनाव वाला साल है, जिसमें राष्ट्रीय चुनाव अप्रैल-मई में होने हैं। आने वाली सरकार साल के अंत में पूर्ण बजट पेश करेगी। बजट को लेकर लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं। देश में कई तरह के टैक्स बजट में लगाए गए हैं। इनमें से एक टैक्स है कैपिटल गेन टैक्स, जो एक समय बजट में हटा दिया गया था। हालांकि, कुछ सालों बाद इसे फिर लगा दिया गया। यहां आपको बजट के इतिहास को लेकर पूछे गए सवालों के बारे में बता रहे हैं।

1947-48

आजाद भारत का पहला बजट आरके शणमुखम चेट्टी ने पेश किया था। इसमें खर्च के लिए कुल 197.39 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। इसमें से करीब आधा यानी 92.74 करोड़ रुपये सिर्फ एक डिपार्टमेंट के लिए आवंटित किया गया था। उस डिपार्टमेंट का नाम क्या था?


उत्तर : डिफेंस सर्विसेज

1948-49

वित्तमंत्री आरके शणमुखम चेट्टी ने आजाद भारत के दूसरे बजट में एक टर्म इस्तेमाल किया था जो लोकसभा चुनाव वाले हर साल के लिए एक संस्थागत प्रक्रिया बन गई। वह टर्म क्या था?

उत्तर : 'अंतरिम बजट'। पहली बार चेट्टी ने 1948-49 के अपने बजट भाषण में इस टर्म का इस्तेमाल किया था। उसके बाद अंतरिम बजट का मतलब ऐसा बजट हो गया जो कुछ समय के खर्च के लिए बनाया जाता है और जिसे आम तौर पर लोकसभा चुनावों से पहले पेश किया जाता है।

1949-50

बजट ने एक ऐसे टैक्स को खत्म कर दिया था, जिसकी आजकल बहुत चर्चा होती है और टैक्स चोरी रोकने के मकसद से इस पर टैक्स अथॉरिटीज की खास नजर होती है। यह टैक्स क्या है?

उत्तर : कैपिटल गेंस टैक्स

1950-51

इस बजट में एक नई संस्था बनाने का ऐलान हुआ था, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करता है और इस पर डेवलपमेंट प्रोग्राम बनाने की जिम्मेदारी होती है। इस संस्था का नाम क्या है?

उत्तर : योजना आयोग

1951-52

इस बजट में बहुत ज्यादा खपत वाले एक कृषि आधारित उत्पादों के समूह पर सरचार्ज दोगुना कर 100 फीसदी कर दिया गया था। ये उत्पाद क्या थे?

उत्तर : बियर, शराब, स्पिरिट्स और दूसरे लिकर

1952-53

इस बजट में अमेरिका के प्रसिद्ध मानवतावादी संगठन से आर्थिक सहायता मिलने का ऐलान किया गया। इस संगठन का नाम क्या था?

उत्तर : फोर्ड फाउंडेशन

1953-54

इस बजट में इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट करीब 17 फीसदी बढ़ा दी गई, जिससे हजारों टैक्सपेयर्स को राहत मिली। नई लिमिट क्या थी?

उत्तर : इसे सालाना 3,600 रुपये से बढ़ाकर 4,200 रुपये कर दिया गया।

1954-55

इस बजट में इंडस्ट्री को लोन देने के लिए एक खास फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन बनाने का ऐलान किया गया। इस इंस्टीट्यूशन का नाम क्या था?

उत्तर : इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इनवेस्टमेंट कॉर्प ऑफ इंडिया या आईसीआईसीआई

1955-56

इस बजट में इनकम टैक्स में एक बड़े बदलाव का ऐलान हुआ था। यह क्या था?

उत्तर : इसमें एक सूटेबल फैमिली अलाउन्स के लिए विवाहित और अविवाहित लोगों के लिए अलग-अलग टैक्स एग्जेम्प्ट स्लैब बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया था।

1955-56

इस बजट में एक ऐसे टैक्स को दोबारा लागू करने का ऐलान किया गया, जिसे कुछ साल पहले खत्म कर दिया गया था। इस टैक्स का नाम क्या था?

उत्तर : कैपिटल गेंस टैक्स

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