Credit Cards

Budget 2024: क्या अंतरिम बजट में सेक्शन 80C के तहत बढ़ेगी डिडक्शन की लिमिट?

Budget 2024: सेक्शन 80C, 80CCC और 80CCD (1B) के तहत कुल मिलाकर 1.5 लाख रुपये से ज्यादा के ​टैक्स डिडक्शन का लाभ नहीं लिया जा सकता है। सेक्शन 80C का फायदा व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUFs) के लिए है। टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि अंतरिम बजट होने के बावजूद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सेक्शन 80C के तहत कुछ राहत दे सकती हैं

अपडेटेड Jan 21, 2024 पर 9:51 PM
Story continues below Advertisement

Budget 2024: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। हर साल बजट से जिन राहतों की सबसे ज्यादा उम्मीद की जाती है, उनमें से एक है आयकर के लिए बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट बढ़ाया जाना और दूसरी सेक्शन 80C की लिमिट बढ़ाया जाना। सेक्शन 80C के डिडक्शन, आयकर कानून के तहत सबसे पहले और सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले डिडक्शन हैं। टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि अंतरिम बजट होने के बावजूद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सेक्शन 80C के तहत कुछ राहत दे सकती हैं, जैसे कि 2019 के अंतरिम बजट में रिबेट की लिमिट बढ़ाकर दी गई थी।

इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में जो नई सरकार बनेगी, वह जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी। सेक्शन 80C की लिमिट बढ़ाए जाने की उम्मीद के पीछे वजह है कि महंगाई में इजाफे के साथ खर्चे भी बढ़ रहे हैं। फिर चाहे वह इंश्योरेंस का प्रीमियम हो, घर खरीद की लागत हो, बच्चों की पढ़ाई का खर्च हो। बढ़े हुए खर्चों के चलते टैक्स पर ज्यादा राहत के लिए सेक्शन 80C की लिमिट बढ़ाया जाना जरूरी जान पड़ता है।

हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि बजट में सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन की लिमिट बढ़ाए जाने की संभावना बहुत ज्यादा नहीं है। कारण, इस सेक्शन का लाभ केवल पुरानी आयकर व्यवस्था में ही उठाया जा सकता है। नई आयकर व्यवस्था अपनाने वाले सेक्शन 80C के तहत उपलब्ध डिडक्शंस का फायदा नहीं ले सकते हैं।


क्या फायदे हैं सेक्शन 80C के

सेक्शन 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर टैक्‍स डिडक्शन क्‍लेम कर सकते हैं । इस सेक्शन का फायदा व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUFs) के लिए है। सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स डिडक्शन का फायदा पाने के लिए जीवन बीमा प्रीमियम, ELSS, EPF कंट्रीब्‍यूशन, VPF कॉन्ट्रीब्‍यूशन, LIC के एन्युइटी प्लान में कॉन्ट्रीब्यूशन, NPS में निवेश, पोस्‍ट ऑफिस स्‍मॉल सेविंग्स स्‍कीम्‍स, PPF, टैक्स सेवर FD, सुकन्या समृद्धि स्कीम, Ulip, बच्चों की ट्यूशन फीस, नाबार्ड बॉन्ड और होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट का रिपेमेंट आता है।

याद रहे कि सेक्शन 80C, 80CCC और 80CCD (1B) के तहत कुल मिलाकर 1.5 लाख रुपये से ज्यादा के ​टैक्स डिडक्शन का लाभ नहीं लिया जा सकता है।

लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग से डिडक्शन! Budget 2024 से ये हैं उम्मीदें

इन सेक्शंस के बारे में भी जान लें

सेक्शन 80CCC: यह सेक्शन, बीमा पॉलिसी के किसी भी एन्युइटी प्लान में निवेश पर टैक्स डिडक्शन क्लेम करने की सुविधा देता है। लेकिन इसके लिए प्लान, पेंशन देने वाला होना चाहिए. एन्युइटी प्लान से हासिल पेंशन या इस प्लान को सरेंडर किए जाने पर ब्याज सहित मिलने वाली कुल राशि या बोनस आयकर के दायरे में आते हैं।

सेक्शन 80CCD: सेक्शन 80CCD (1) पेंशन अकाउंट में जमा पर टैक्स डिडक्शन दिलाता है। सैलरीड इंप्लॉई अपनी सैलरी का 10 प्रतिशत तक पेंशन अकाउंट में जमा कर छूट पा सकता है, जो अधिकतम 1.5 लाख रुपये है। सेक्शन 80CCD (1B) के माध्यम से सैलरीड इंप्लॉई अपनी तरफ से NPS अकाउंट में डिपॉजिट कर अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन का लाभ ले सकता है, जो कि 50000 रुपये तक का होगा ।

सेक्शन 80CCD (2): NPS अकाउंट में एंप्लॉयर के अंशदान पर भी कर्मचारी सेक्शन 80CCD (2) के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकता है । यह सैलरी के 10 प्रतिशत के बराबर होता है ।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।