Economic Survey 2023: सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में एक आशावाद की झलक पेश की है। सरकार ने कहा कि घरेलू इकोनॉमी की ऊंची ग्रोथ और महंगाई में धीरे-धीरे कमी से एफडीआई (FDI) की वापसी होने का अनुमान है। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, “रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक अनिश्चितता बढ़ने से, वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में मैन्युफैक्चरिंग में एफडीआई का इक्विटी इनफ्लो वित्त वर्ष 22 की पहली छमाही की तुलना में कम रहा। वैश्विक स्तर पर मॉनेट्री सख्ती के चलते एफडीआई का इनफ्लो सीमित हो गया है। हालांकि, आर्थिक विकास में ऊंची ग्रोथ बने रहने से एफडीआई की वापसी का अनुमान है।” साथ ही धीरे-धीरे महंगाई का दबाव कम होने से भी राहत मिलेगी।
मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ा एफडीआई
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (manufacturing sector) के संबंध में सर्वे में कहा गया, “पिछले कुछ साल से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सालाना आधार पर एफडीआई लगातार बढ़ रहा है। यह वित्त वर्ष 21 के 12.1 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 22 में बढ़कर 21.3 अरब डॉलर हो गया। विकसित देशों में महामारी के चलते लागू नीतियों के चलते ग्लोबल लिक्विडिटी में सुधार का भारत को फायदा मिला।”
एफडीआई रीजीम को लचीला बनाने का मिला फायदा
इकोनॉमिक सर्वे में सरकार द्वारा एफडीआई रीजीम को लचीला बनाने और विभिन्न सेक्टर्स में ग्लोबल इनवेस्टर्स को लुभाने के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया गया।
सर्वे में कहा गया कि वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में भले ही एफडीआई में गिरावट रही, लेकिन स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ease of doing business) में सुधार से यह महामारी से पहले के स्तरों से ऊपर बना रहा। साथ ही, भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आकर्षक निवेश स्थलों में से एक बना रहा।
सर्वे के मुताबिक, सरकार ने इनवेस्टर्स के अनुकूल एफडीआई नीतियां लागू की हैं जिससे कई सेक्टरों में ऑटोमैटिक रूप से 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी मिल गई है। भारत एफडीआई सीमा बढ़ाकर ग्लोबल इनवेस्टर्स के लिए अपने सेक्टरों को खोलता रहेगा। नियामकीय बाधाएं दूर की जाएंगी, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास किया जाएगा और कारोबारी माहौल में सुधार किया जाएगा।