Interim Budget 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले आत्मविश्वास दिखाते हुए ऐसा बजट पेश किया है, जिसका फोकस सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत करने पर है। इस बजट में चौंकाने वाले ऐलान नहीं हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संतुलित और सही मायनों में अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश किया है। उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद वह पूर्ण बजट पेश करेंगी, जिसमें विकसित भारत का रोडमैप होगा। वित्तमंत्री का बजट भाषण बुनियादी रूप से चार समूहों पर केंद्रित था। इनमें महिला, गरीब, किसान और युवा शामिल हैं।
वित्तमंत्री का बजट भाषण 58 मिनट का था। यह बीते कुछ सालों में पेश सबसे छोटा बजट भाषण था। पिछले 10 साल में मोदी सरकार का फोकस महिलाओं के लिए वेल्फेयर स्कीम और गरीबों के लिए घर पर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) और आयुष्मान भारत जैसी स्कीमों पर सरकार का ज्यादा फोकस रहा है। अंतरिम बजट में हुए कुछ ऐलान इन स्कीमों से जुड़े हैं:
-पीएम आवास योजना का आवंटन 54,103 लाख करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) से बढ़कर 80,671 करोड़ रुपये हो गया है।
-सरकार का अगले पांच साल में पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गरीबों के लिए 2 करोड़ घर बनाने का प्लान है।
- आयुष्मान भारत हेल्थकेयर स्कीम के दायरे में आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स को लाने का ऐलान किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत अप्रैल 2023 तक गरीबों के लिए 2.85 करोड़ घरों को मंजूरी मिल चुकी थी। इसमें से 2.21 करोड़ बनाए जा चुके हैं। कुल मंजूर किए घरों में से 2 करोड़ घर अकले महिलाओं के नाम से या उनके पति के साथ संयुक्त रूप से रजिस्टर्ड हैं। महिला और ग्रामीण इलाकों के मतदाता भाजपा के लिए नए सामाजिक वर्ग के रूप में उभर रहे हैं। पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के लिए सरकार के आवंटन बढ़ाने से यह भरोसा और मजबूत हो जाता है।
अंतरिम बजट में आम तौर पर सरकार बड़े ऐलान नहीं करती है। लेकिन, 2019 में लोकसभा चुनावों से पहले पेश अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने बड़े ऐलान किए थे। सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का ऐलान किया था। सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले इस योजना के तहत किसानों को दो किस्तें भी जारी कर दी थी। चुनाव आयोग की मंजूरी से इस स्कीम के तहत 4.74 करोड़ किसानों को पैसे बांटे गए थे। मार्च 2023 तक इस स्कीम के तहत रजिस्टर्ड किसानों की संख्या बढ़कर 11.8 करोड़ हो गई है। कुल मिलाकर इन किसानों को स्कीम के तहत 2.41 लाख करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं।
2019 का अंतरिम बजट तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में BJP की हार के तुरंत बाद आया था। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल थे। इन राज्यों में दिसंबर 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब अंतरिम बजट से उस वक्त सरकार में आत्मविश्वास की कमी का संकेत मिला था। इस बार इन तीनों राज्यों में भाजपा जीत हासिल करने में कामयाब रही है। लोकसभा चुनावों से पहले नई स्कीम का ऐलान नहीं करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मविश्वास को दिखाता है। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश करने जा रहे हैं।